टूट गया ओवरसीरीज सीरीज में सर्वाधिक खिलाड़ी इस्तेमाल करने का रिकॉर्ड-
ओवरसीज सीरीज में तो भारत ने कभी 17 से ज्यादा खिलाड़ी इस्तेमाल ही नहीं किए थे लेकिन इस बार हालत असाधारण हैं। जबसे विराट कोहली ने इस सीरीज में ना खेलने की घोषणा की उसके बाद से ही बाकी खिलाड़ियों की किस्मत भी मानो कप्तान के साथ जुड़ती गई और वे चोट के चलते एक के बाद एक बाहर होते गए। हालांकि कोहली चोटिल नहीं हुए थे, वे अपने बच्चे के आगमन के लिए पत्नी का साथ देने भारत पहुंच गए थे। उनको बेटी हुई है।
IND vs AUS: ना बुमराह, ना अश्विन, भारतीय बॉलिंग अटैक को है केवल 4 टेस्ट का अनुभव
निश्चित तौर पर किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि ब्रिस्बेन तक आते-आते भारत अपनी आधी शक्ति से भी कम पर खेल रहा होगा और वहां अपने मैदान पर पूरी शक्ति से लैस ऑस्ट्रेलिया उनको फिर भी कुचल नहीं पा रहा होगा। ये इस भारतीय टीम की जीवटता है। नतीजा कुछ भी रहे, यह सीरीज इस चरित्र के लिए याद रखी जाएगी।
1996 के बाद अब हुए एक सीरीज में इतने ज्यादा डेब्यू-
आपको एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी बता दें कि इससे पहले भारत ने ओवरसीज में सबसे ज्यादा 17 खिलाड़ी इंग्लैंड के 2018 के दौरे में इस्तेमाल किए थे, इससे भी पहले जाएं तो ऑस्ट्रेलिया के 2014-15 के दौरे पर उपयोग किए थे और अगर सबसे पीछे जाएं तो इंग्लैंड में भी 1959 के दौरान 17 ही खिलाड़ी यूज बारी-बारी से मैदान में उतारे गए थे। अब अजीबोगरीब परिस्थितियों में नया आंकड़ा बन चुका है।
इससे पहले शुबमन गिल भी इसी सीरीज में डेब्यू कर चुके हैं। भारत ने किसी ओवरसीज में जब पांच या उससे ज्यादा डेब्यू कराए थे तो वह था 1996 का इंग्लैंड दौरा जब सुनील जोशी, पारस महाम्ब्रे, वेंकटेश प्रसाद, विक्रम राठौड़, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली का डेब्यू हुआ था।
गाबा में भारत का गेंदबाजी आक्रमण-
भारत चार तेज गेंदबाजों और एक अकेले स्पिनर के साथ खेलने उतरा है जो आपस में कुल मिलाकर केवल चार मैचों का टेस्ट अनुभव रखते हैं।
पांच गेंदबाजों को केवल 4 टेस्ट का अनुभव-
ब्रिस्बेन टेस्ट में भारत का गेंदबाजी आक्रमण (Indian Bowling attack in Brisbane)
मोहम्मद सिराज - अपना तीसरा टेस्ट खेल रहे हैं
नवदीप सैनी - अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे हैं
शार्दुल ठाकुर - अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे हैं
वाशिंगटन सुंदर - डेब्यू
टी नटराजन - डेब्यू