नई दिल्लीः भारतीय टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने पास बरकरार रखने की ओर गाबा में शानदार समापन की ओर बढ़ रही है। एडिलेड टेस्ट मे 36 रनों पर ऑल-आउट होने के बाद भारत के लिए यह परीकथा जैसी सीरीज रही है जिसके कई नायक हैं। युवाओं के दमखम से भरी इस सीरीज के बीच एक अनुभवी नायक साबित हुए हैं चेतेश्वर पुजारा।
ये वहीं पुजारा हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर कमाल किया था और टेस्ट सीरीज में तीन शतक लगाए थे। इस बार वे भले ही एक भी शतक नहीं लगा सके लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका को बखूबी अंजाम दिया।
उन्होंने सिडनी टेस्ट की चौथी पारी में 77 ठोस रन बनाए थे और इस बार ब्रिस्बेन के गाबा में भी उन्होंने अर्धशतक लगा लिया है। यह पुजारा के करियर का सबसे धीमा पचासा था क्योंकि परिस्थितियां कुछ तरह की थी कि उनको एक छोर से खूंटा गाड़कर दूसरे छोर के बल्लेबाजों को शॉट्स खेलने का भरोसा देना था। यह पुजारा का भरोसा ही है जिसके दम पर शुभमन गिल, अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत जैसे स्ट्राइकर ने 328 रन जैसे विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए कुछ दर्शनीय शॉट्स लगाए।
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पुजारा ने आज 196 गेंदों पर अर्धशतक लगाया। उन्होंने 10 दिन पहले ही सिडनी में 174 गेंदों पर फिफ्टी लगाई थी जो उनकी दूसरी सबसे धीमी फिफ्टी थी।
तस्वीर का एक पहलू यह भी है कि पुजारा 9 बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 200 प्लस गेंदों वाली पारी खेल चुके हैं जो कि किसी भी भारतीय द्वारा सर्वाधिक संख्या है। दूसरे नंबर पर सुनील गावस्कर हैं जिन्होंने 8 बार ऐसी पारियों को कंगारूओं के खिलाफ अंजाम दिया है। तीसरे नंबर पर सचिन तेंदुलकर है जिन्होंने 7 बार ऐसा किया जबकि 6 बार ऐसा करने वाले विराट कोहली चौथे स्थान पर आते है।
पुजारा ने गाबा के पांचवें दिन पंत के साथ 67 रनों की साझेदारी की और वे 56 रनों की पारी 211 गेंदों पर खेलकर आउट हुए। उनको नई गेंद से पैट कमिंस ने पगबाधा आउट किया। पुजारा ने रिव्यू लिया लेकिन यहां अंपायर कॉल ही ली गई।