नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय गेंदबाजी कंगारू बल्लेबाजों के सामने जूझती नजर आई है। ना सिर्फ तेज गेंदबाज बल्कि स्पिन गेंदबाज भी ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी आक्रमण के सामने बेअसर नजर आए। टीम इंडिया में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने एक साथ शुरुआत की और दोनों ने तकरीबन छह महीने तक साथ में टीम में स्पिन गेंदबाजी की कमान संभाली और मिलकर 32 विकेट अपने नाम कियए। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2018 की सीरीज में 5-1 से जीत में दोनों की भूमिका काफी अहम थी। तीन महीने के बाद दोनों ने दोनों ने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी के दम पर दोनों ने 17 विकेट अपने नाम किए। दोनों ही स्पिन गेंदबाज किसी भी टीम के लिए मुसीबत का सबब बने हुए थे।
लेकिन कहते हैं ना कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में समय बदलते देर नहीं लगती। कुलदीप यादव अपनी लय से हटे और रवींद्र जडेजा जोकि हर क्षेत्र में बेहतर करने की क्षमता रखते हैं उन्होंने टीम में अपनी जगह फिर से बनाई, जिसके चलते एक खिलाड़ी को टीम से बाहर होना पड़ा। चहल और यादव की जोड़ी 2019 विश्वकप तक बनी रही, लेकिन इसके बाद कभी एक टीम में अंदर तो कभी दूसरा टीम में बाहर। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जडेजा और चहल स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, ग्लेन मैक्सवेल के सामने बिल्कुल बेअसर नजर आए।
टीम इंडिया के पूर्व स्पिन गेंदबाज मनिंदर सिंह का मानना है कि स्पिन गेंदबाजों की कमी को दूर करने के लिए टीम को स्पिन गेंदबाजी कोच की जरूरत है। चहल और कुलदीप को वापस लय में लाने के लिए स्पिन गेंदबाजी कोच की जरूरत है। इन युवा गेंदबाजों को किसी ऐसे की जरूरत है जो इनसे बात कर सके और हमेशा इनका मार्गदर्शन करे। हमे सिर्फ यह छोड़कर नहीं छोड़ देना चाहिए कि ये लोग अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं तो इन्हें सबकुछ पता है।
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मनिंदर सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य से भारत के पास सिर्फ तेज गेंदबाजी का कोच है। तेज गेंदबाजी कोच के लिए स्पिन गेंदबाज की दिक्कत को समझ पाना मुश्किल होता है। मेरे जैसा स्पिन गेंदबाज कुलदीप सिंह की दिक्कत को समझ सकता है कि उन्हें कहां दिक्कत है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई को स्पिन गेंदबाजी का कोच नियुक्त करने के बारे में सोचना चाहिए, यह युवा गेंदबाजों के लिए बड़ी मदद होगी। रवि शास्त्री टीम में हैं। वह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज थे, लेकिन इतनी सारी योजनाएं बनाने के बीच मुझे समझ नहीं आता है कि वह अकेले स्पिन गेंदबाजों के साथ कितना समय बिताते हैं।