एक के बाद एक दिग्गज चोटिल होते गए-
इससे पहले, पैट कमिंस ने पहले टेस्ट में बाउंसर से कोहनी पर चोट लगने के बाद मोहम्मद शमी को चोटिल किया था, फिर उमेश यादव ने मेलबर्न में कॉफ को चोट पहुंचाई थी और कलाई में मोच आने के बाद केएल राहुल भी आउट हो गए थे। विराट कोहली तो पहले टेस्ट के बाद अपने बच्चे के जन्म के लिए भारत वापस हैं ही। उनकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया है। भारत एक और भयंकर झटके से बाल बाल तब बचा जब ऋषभ पंत की कोहनी पर भी बाउंसर लगा लेकिन यह दिलेर बल्लेबाज दूसरी पारी में बैटिंग करने आया और 97 रनों की यादगार पारी खेली। पंत की चोट उतनी गंभीर नहीं है।
तीन खिलाड़ी जो इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ले सकते हैं रविंद्र जडेजा की जगह
वीरेंद्र सहवाग ने मजाक में ही सही पर बात पते की करी-
अब, वीरेंद्र सहवाग ट्विटर पर चले गए और एक बार फिर से दुनिया के सामने अपना मजाकिया पक्ष सामने रखा। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने मजाक में कहा कि वह कंगारुओं की धरती पर उड़ान भरने के लिए तैयार है अगर भारतीय टीम मैदान पर ग्यारह खिलाड़ियों को नहीं रख पाती है। उन्होंने आगे कहा कि क्वारंटाइन प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा सकता है।
सहवाग अपने खेल के दिनों में सबसे ज्यादा निडर बल्लेबाज थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने देश के लिए 104 टेस्ट मैच खेले और वह दो तिहरे शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं। नजफगढ़ के नवाब ने 50 (49.34) के औसत से सफेद गेंद क्रिकेट में 8586 रन बनाए। और, जिसने उन्हें गेंदबाजों के लिए दुःस्वप्न बना दिया, वह यह था कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 82.23 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
कंगारू कहते हैं- गाबा में भारत का हारना तय है
बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला बराबर है जिसमें दोनों टीम एक-एक गेम जीत चुकी हैं, और द गाबा में चौथा टेस्ट निर्णायक के रूप में काम करेगा। यह भी बताया गया है कि वाशिंगटन सुंदर अपना टेस्ट डेब्यू कर सकते हैं और चोटिल रविंद्र जडेजा की जगह टीम में आ सकते हैं। इसके अलावा, सीमित ओवर के हीरो थंगारासू नटराजन या शार्दुल ठाकुर जसप्रीत बुमराह की जगह लेंगे। चौथे टेस्ट का इंतजार प्रशंसकों को है। भले तीसरे टेस्ट में ड्रॉ होने के बाद भारत में भावनाएं ऊंची होंगी, लेकिन बता दें कि द गाबा ऑस्ट्रेलियन किला है, जिसमें मेजबान टीम तीन दशकों से अधिक समय में स्थल पर टेस्ट मैच नहीं हारी और कंगारूओं में यह धारणा प्रचलित हो चुकी है कि भारत को गाबा में हारना एकदम तय है।
भारत जीता तो गाथाओं और किवदंतियों में जिंदा रहेगी ये सीरीज-
फिलहाल भारत जिस तरह खिलाड़ियों की चोट से जूझ रहा है उसको देखते हुए इतना तय है कि बिस्बेन के गाबा में टीम इंडिया की लगभग बी ही टीम खेलेगी। गाबा के चुनौतीपूर्ण ट्रैक पर यह टीम अगर बिखर गई तो ताज्जुब नहीं होगा लेकिन अगर वहां भी मेलबर्न और सिडनी जैसा प्रयास देखेने को मिला तो यह क्रिकेट टेस्ट इतिहास की सबसे बेहतरीन लड़ाई वाली सीरीज के तौर पर याद की जाएगी। भारत के लिए सीरीज को अमर बनाने के लिए गाबा जीतना ही होगा क्योंकि हार लंबे समय तक याद नहीं रखी जाती और मुश्किल परिस्थितियों में मिली टेस्ट जीत दशकों और कई बार तो सदियों तक याद रखी जानी हैं क्योंकि फिर ये गाथाएं और किवदंतियों में जिंदा रहती हैं जिनको अंग्रेजी में लीजेंड बोलते हैं।