पुजारा से कही ये बात
मैच को ड्रॉ कराने के बाद अश्विन ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में माहौल जबरदस्त था, टेस्ट क्रिकेट में हमे बहुत अधिक ड्रॉ मैच नहीं देखने को मिलते हैं, आखिरी सेशन काफी अच्छा था। मैं मैदान में गया और पुजारा से कहा तुमने मुझे दोनों ही पारियों में बीच नदी में छोड़ दिया। कमिंस अलग ही अंदाज में गेंदबाजी कर रहे थे। पिच पर दोहरी उछाल थी, लिहाजा मेरे लिए कमिंस के खिलाफ खेलना मुश्किल था। मुझे लगता है कि नेट्स पर बुमरा का सामना करना आसान नहीं है। हमारे पास ऐसे गेंदबाज हैं जो 150 की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। नेट्स पर मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था, लिहाजा मेरे लिए मैदान के बीच में समय बिताना काफी अच्छा था।
आसान नहीं था 400 का लक्ष्य
सिडनी जैसे मैदान में 400 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरना कभी भी आसान नहीं होता है, गेंद ऊपर-नीचे हो रही थी। पंत की पारी ने हमारे लिए मैच को सेट कर दिया था, लेकिन पंत और पुजारा के आउट होने के बाद हनुमा विहारी घायल हो गए, जिसकी वजह से इस मैच में जीत के लिए जाना हमारे लिए मुश्किल था। ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना कभी भी आसान नहीं होता है, लिहाजा विहारी खुद पर गर्व कर सकते हैं। उनकी पारी शतक के बराबर है। मैं बल्लेबाजी कोच को लंच में यह कह रहा था कि मैंने कभी भी सिडनी के मैदान को अर्धशतक लगाए बिना नहीं छोड़ा है। यह ऐसा मैदान है जहां मैंने बैट से अच्छा किया है और यह पारी भी खास है।
कप्तान ने की तारीफ
वहीं मैच के बाद टीम के कप्तान अजिंक्या रहाणे ने कहा कि आज मैच से पहले हमने बात की थी कि आज हमे आखिरी तक अपना चरित्र दिखाना होगा। नतीजे के बारे में हमे कतई नहीं सोचना है। जिस तरह से हमारे खिलाड़ियों ने आज लड़ाई लड़ी वह काबिले तारीफ है। जब पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया 200/2 पर थी तो हमने उन्हें 338 के के स्कोर पर ऑलआउट किया। कुछ जगहों पर हमे काम करने की जरूरत है। मैं अश्निन और विहारी का जिक्र करना चाहूंगा, जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की, चरित्र दिखाया, देखकर काफी अच्छा लगा। पंत को भी श्रेय देना होगा, हमने योजना बनाई और खिलाड़ियों ने उसे अंत में अच्छी तरह से लागू किया।