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दिग्गजों को भी थकाने लगी है पुजारा की बैटिंग, लेकिन क्या अब वे खुद को बदल सकते हैं?

Ricky Ponting feels Cheteshwar Pujara's slow batting puts too much pressure| Oneindia Sports

India vs Australia Sydney Test: नई दिल्लीः वैसे तो कहने को भारत के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने शनिवार को अपनी शानदार पारी जारी रखी, जो उन्होंने शुक्रवार को दिन के अंत में शुरू की थी।

वह शुक्रवार को 44 गेंदों में 9 रन बनाकर खेल रहे थे। शनिवार को, उन्होंने 173 गेंदों में अपने टेस्ट करियर का सबसे धीमा अर्धशतक बनाया और इसके तुरंत बाद आउट हो गए, जब पैट कमिंस ने उन्हें विकेटकीपर टिम पेन के हाथों कैच कराया।

दिग्गजों को थका रही है पुजारा की धीमी बैटिंग

दिग्गजों को थका रही है पुजारा की धीमी बैटिंग

सच यह है कि पुजारा जैसे बल्लेबाज जब खूंटा गाड़ते हैं तो उनके चलने की चांस हमेशा ज्यादा नहीं होते लेकिन जब वे चलते हैं तो विपक्षी गेंदबाजों को थकाते हैं। जब वे नहीं चलते तो दर्शकों के साथ अपनी टीम को थकाते हैं। पुजारा टेस्ट क्रिकेट के वो सपनों सरीखे बल्लेबाज नहीं हैं जैसे राहुल द्रविड़ हुआ करते थे। उनके पास तकनीक है लेकिन निरंतरता द्रविड़ के आस-पास भी नहीं है।

अगर पुजारा अपनी सुपर-स्लो बैटिंग स्पीड में निरंतरता से रन बनाते तो किसी को दिक्कत नहीं होती लेकिन प्रॉब्लम ये है कि गेंदे अभी भी थोक के भाव में जाया हो रही हैं और रन बोर्ड पर दर्ज नहीं होते। वे कुछ एक पारियां 50 के आसपास भी खेल लेते हैं लेकिन बड़ा शतक कभी नहीं बनता।

अंततः 176 गेंदों में 50 रन मिले-

अंततः 176 गेंदों में 50 रन मिले-

दूसरा सच यह है कि पुजारा अब ऐसे ही रिटायर होंगे क्योंकि जब तक वे क्रिकेट खेलेंगे उनका स्टाइल कभी बदलने वाला नहीं। हां, यह स्टाइल कभी कभी भारत का वरदान बना है जैसे की पिछला ऑस्ट्रेलिया दौरा। शायद पुजारा के करियर का सबसे बेहतरीन पल पिछला डाउन अंडर टूर माना जाएगा।

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पुजारा को इस सीरीज में कमिंस ने पांच में से चार बार आउट किया है। पहले टेस्ट की पहली पारी में नाथन लियोन ने उन्हें एक बार चुना था।

उनके स्कोर को अंततः 176 गेंदों में 50 रन मिले। चेतेश्वर पुजारा और उनकी पारी की गति के बारे में पहले ही बहुत कुछ कहा और लिखा जा चुका है। कुछ उसके दृष्टिकोण से सहमत हैं जबकि अन्य नहीं।

रिकी पोंटिंग ने कही पुजारा की बैटिंग पर ये बात-

रिकी पोंटिंग ने कही पुजारा की बैटिंग पर ये बात-

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने शनिवार को कहा कि वह पुजारा के टेस्ट बल्लेबाजी के दृष्टिकोण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने तर्क दिया कि पुजारा की बल्लेबाजी की शैली उनके बल्लेबाजी भागीदारों पर दबाव डालती है।

रिकी पोंटिंग ने शनिवार को ट्वीट किया, "मुझे नहीं लगता कि यह सही दृष्टिकोण था, मुझे लगता है कि उन्हें अपनी स्कोरिंग दर के साथ थोड़ा और सक्रिय होने की जरूरत है क्योंकि मुझे लगा कि यह उनके बल्लेबाजों पर बहुत अधिक दबाव डाल रहा है।"

पोंटिंग समेत हम सभी चाहते हैं कि पुजारा कुछ और स्ट्राइक रेट सुधारें लेकिन क्या वाकई अब पुजारा बदल सकते हैं? हमको शक है।

संजय मांजरेकर का ये है मानना-

संजय मांजरेकर का ये है मानना-

मैच के बाद संजय मांजरेकर ने भी कहा है कि पुजारा के पास सचिन या कोहली की तरह वो क्षमता नहीं जहां वे अपने फुटवर्क में सामंजस्य करके गेंदबाजों पर हावी होने का दूसरा तरीका ढूंढे। उनकी तकनीक पक चुकी है और अब उनसे उसको बदलने की बात कहना बुद्धिमानी नहीं है।

जहां तक क्रिकेट के नजरिए से बात है तो हमारा मानना है कि ऐसी धीमी बल्लेबाजी ने कभी भी क्रिकेट का भला नहीं किया है यदि बल्लेबाज में निरंतरता ना हो। एक धीमी लेकिन ठोस निंरतर बल्लेबाज आज भी किसी भी आक्रमण की धार कुंद करने के लिए काफी है। पुजारा को भी यह निरंतरता खोजनी होगी जो अब उनमें नजर नहीं आती। सच यह है कि विराट कोहली के अलावा भारत के किसी भी बल्लेबाज में टेस्ट स्तर पर वो निरंतरता नदारद ही रही है जो सचिन युग में भारतीय बैटिंग की पहचान थी।

Story first published: Saturday, January 9, 2021, 15:16 [IST]
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