आखिरी 3 विकेट पड़े भारी
भारत ने पहली पारी में 244 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय गेंदबाजों ने भी अच्छा रोल निभाया व कंगारूओं के 7 विकेट 111 रनों पर उड़ा दिए थे, लेकिन अंतिम तीन विकेट लेने के लिए गेंदबाजों के पसीने छूट गए। इन तीनों खिलाड़ियों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया के लिए 80 रन जोड़े और भारत की बढ़त को काफी कम कर दिया। अगर भारत इनको जल्दी समेट देता तो बढ़त 100 से अधिक मिलती व मैच का रूख भी बदलता। टिम पेन की नाबाद 73 रनों की पारी टीम पर भारी पड़ गई।
कंगारूओं की शानदार गेंदबाजी
भारतीय बल्लेबाजों ने पहली पारी में आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया था, लेकिन दूसरी पारी में जो हुआ उसे देख सब हैरान रह गए। कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया। सिर्फ मयंक अग्रवाल ही सबसे ज्यादा 9 रन बना सके। दूसरी पारी में नई गेंद से ऑस्ट्रेलिया ने पहले पृथ्वी शॉ को पवेलियन की राह दिखाई। इसके बाद अगले दिन सुबह ही पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ घातक गेंदबाजी की और उन्हें टिकने ही नहीं दिया। दोनों ने मिलकर भारतीय पारी के 9 विकेट आउट करते हुए उन्हें मैच में पूरी तरह से हार की तरफ धकेल दिया।
सलामी बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
टीम को सलामी बल्लेबाजों द्वारा अच्छी शुरूआत मिलना बेहद जरूरी है। लेकिन भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में फैंस को निराश किया। मयंक अग्रवाल व पृथ्वी शाॅ के कंधों पर अच्छी शुरूआत दिलाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह नहीं निभा सके। मयंक ने पहली पार में 17 और दूसरी पारी में 9 रन बनाए, जबकि शाॅ पहली पारी में दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले बोल्ड हो गए, जबकि दूसरी पारी में 4 रन बनाकर बोल्ड हुए।