1. रोहित शर्मा के बल्ले से भरोसा नहीं निकलना
रनों की बात छोड़िए, भरोसे की बात करते हैं। रोहित ने रन तो ऑस्ट्रेलिया में भी बनाए लेकिन पारी को बड़ा आयाम देने में फेल हो गए। चेन्नई में तो वे दोनों ही पारियों में प्लॉप शो थे। जब से इंटरनेशनल क्रिकेट वापस लौटा है रोहित ने केवल सिडनी टेस्ट में ही अर्धशतक लगाया है।
रोहित को दूसरे टेस्ट में भी निश्चित तौर पर जगह मिलेगी लेकिन यही चलता रहा तो जल्द ही टीम मैनेजमेंट को केएल राहुल या मयंक अग्रवाल जैसे विकल्पों के बारे में सोचना होगा।
2. अजिंक्य रहाणे के लिए रनों का सूखा
रहाणे के लिए यह अजीब बात है क्योंकि वे ऑस्ट्रेलिया से हीरो कप्तान बनकर लौटे थे और अब एक बल्लेबाज के तौर पर उनकी टीम में जगह को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। एक हार कितना कुछ नजरिया बदल देती है!
2020 के बाद से रहाणे ने दो टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ, चार ऑस्ट्रेलिया के और एक इंग्लैंड के खिलाफ खेला है। इन 7 टेस्ट मैचों मे उन्होंने केवल 27.69 के औसत से 248 रन बनाए हैं। एक मेलबर्न का चर्चित शतक है जिसकी गाथा भारतीय क्रिकेट पूरे जीवन भर बयान कर सकता हैं। लेकिन रहाणे ने इस दौरान एक भी पचासा नहीं लगाया है। वैसे कोहली का कहना है कि रहाणे पहली पारी में आउट नहीं थे, उनको रूट ने जबरदस्त कैच ने जबरदस्ती आउट कर दिया। इसमें कोई शक नहीं कि यह सीरीज रहाणे के लिए बड़ा टेस्ट है। एक बल्लेबाज रहाणे के लिए तो ऑस्ट्रेलिया से भी बड़ा टेस्ट!
3. सहयोगी स्पिनर का मुद्दा है बड़ा
जैसे रहाणे कप्तान के तौर पर अपने बल्लेबाज रूप के ऊपर भारी हैं वैसे सुंदर अपने बल्लेबाजी रूप में गेंदबाजी पर हावी हैं। सुंदर को रखा गया है एक स्पिनर के तौर पर लेकिन जब हम उनकी बात करते हैं तो बैटिंग की ही होती है। यह टीम इंडिया के लिए और भी अजीबोगरीब हालत है।
चेन्नई में अपनी ही पिच पर सुंदर ने 26 ओवर फेंके और 98 रनों पर गए जबकि विकेट कोई हाथ नहीं लगा। दूसरी पारी में तो कोहली ने सुंदर पर जैसे भरोसा ही नहीं दिखाया क्योंकि युवा ऑफ स्पिनर को एक भी ओवर नहीं दिया गया।
शाहबाज नदीम ने इस मैच में चार विकेट तो लिए लेकिन रन ज्यादा पिटवाए। वे खास नहीं लगे और पहली पारी में तो उन्होंने 3.8 रन प्रति ओवर के हिसाब से गेंदबाजी की। दूसरी पारी में नदीम इंग्लैंड के पसंदीदा आसान गेंदबाज थे क्योंकि उन्होंने 4.4 रन प्रति ओवर के औसत से बॉलिंग की। अब सवाल यह है कि जडेजा के बिना अश्विन का साथी कौन हो? हम सब जानते हैं कुलदीप यादव बाहर बैठे हैं।
4. टीम का चयन
अब बात जब कुलदीप की आई तो चलिए टीम सेलेक्शन पर बात कर लेते हैं। भारत नदीम की जगह पर दूसरे टेस्ट में कुलदीप को जगह दे सकता है। वे सुंदर की खूबसूरत बैटिंग के बावजूद हार्दिक पांड्या या फिर अक्षर पटेल (अगर वह फिट हैं) को जगह दे सकते हैं। हो सकता है नदीम की जगह पर मोहम्मद सिराज को जगह दे दी जाए। क्योंकि पहले टेस्ट में भारत के तेज गेंदबाजों ने स्पिनरों से बढ़िया गेंद फेंकी थी। तीन पेसर के साथ जाना इतनी भी बुरी बात नहीं।