1. रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने तीसरे टेस्ट मैच में अर्धशतक लगाया था, जब भारतीय पारी 145 रनों पर ही सिमट गई थी। रोहित ने दूसरी पारी में भी नाबाद 25 रन बनाए थे और कुल मिलाकर एक ऐसे मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे जिसमें बैटिंग के फ्लॉप होने पर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। रोहित एक बार फिर से उसी भूमिका में दिखाई देंगे।
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2. शुभमन गिल
रोहित शर्मा के साथी मयंक अग्रवाल के ऊपर शुभ्मन गिल नाम की युवा सनसनी को तरजीह दी गई है। शुभ्मन गिल ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी बैटिंग के जरिए बताया है कि वह किस तरह से मास्टर स्ट्रोक खेलने की क्षमता रखते हैं। हालांकि घरेलू सीरीज में वे उस तरह से प्रभावित करने में सफल नहीं रहे हैं लेकिन उनका स्ट्राइक रेट निश्चित तौर पर ऐसी चीज है जिसके लिए भारत में उनको लंबी रेस का घोड़ा मान सकता है।
शुभमन गिल ने चेन्नई के ओपनिंग टेस्ट में दूसरी पारी में 50 रन बनाए थे इसके अलावा यह बल्लेबाज 29, 0, 14,11 और नाबाद 15 रन ही बाकी पांच पारियों में बना पाया है। हालांकि पंजाब के प्रतिभाशाली युवा को टीम मैनेजमेंट एक और मौका देना चाहेगा ताकि 21 साल के इस बल्लेबाज की प्रतिभा जाया ना हो सके।
3. चेतेश्वर पुजारा
सौराष्ट्र का बल्लेबाज भी इस सीरीज में बहुत अच्छी फॉर्म में नहीं दिखाई दिया है। ऐसे में इस सीजन के आखिरी मैच में पुजारा कुछ रन बनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने भी गिल की तरह केवल एक ही फिफ्टी लगाई है। पहले टेस्ट मैच के दौरान 222 गेंदों पर खेली गई उनकी 76 रनों की पारी बेकार हो गई थी क्योंकि भारत ने वह मैच गंवा दिया था। उसके बाद बाकी की चार पारियों में उन्होंने 15, 21, 7 और 0 रन ही बनाए हैं। अहमदाबाद में आखिरी मुकाबले में पुजारा बाउंस बैक करके अपनी खराब फॉर्म को तोड़ने की कोशिश करेंगे।
4. विराट कोहली
यह भी एक अजीब बात है कि विराट कोहली भी इस सीरीज में थोड़ा संघर्ष करते हुए नजर आ रहे हैं और शतक लगाने का उनका सूखा अभी तक जारी है। जबसे उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 2019 दोहरा शतक लगाया है तब से एक शतक भी नहीं लगा पाए हैं। कोहली ऐसे में सीजन के आखिरी टेस्ट मैच के दौरान एक अच्छी पारी खेल कर जल्द से जल्द शतक की राह पर लौटना चाहेंगे।
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5. अजिंक्य रहाणे
भारतीय उप-कप्तान भी अपनी फॉर्म को लेकर काफी आलोचना के दौर से गुजरे हैं और घरेलू सीरीज में अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में नहीं दिखाई दिए हैं। मेलबर्न में रहाणे ने जो शतकीय पारी खेली थी उसके बाद से आलोचक इस कलात्मक बल्लेबाज के बल्ले से रन निकलते हुए देखना चाहते हैं हालांकि ऐसा हो नहीं पाया है।
यह प्रतिभाशाली दाएं हाथ का बल्लेबाज चेन्नई के दूसरे टेस्ट की पहली पारी में अर्धशतक जड़ चुका है लेकिन बाकी की चार पारियों में उन्होंने 1, 0, 10 और 7 रन किए हैं। 32 साल का यह बल्लेबाज कुछ अच्छे रन बनाकर टेस्ट सीरीज को विदाई देना चाहेगा।
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6. ऋषभ पंत
ऋषभ पंत की विकेटकीपिंग पिछले दो टेस्ट मैचों में काफी सुधरी है लेकिन बतौर बल्लेबाज वे बहुत अच्छा खेल नहीं दिखा पाए हैं। दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में उन्होंने नाबाद 58 रन बनाए थे और उसके बाद लोग सोच रहे थे कि वह आने वाले मैचों में कुछ और विस्फोटक पारी खेलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है।
सीरीज के फाइनल टेस्ट मैच के दौरान दिल्ली का यह लड़का विकेट के पीछे और आगे अपने करतब दिखाने के लिए लालायित होगा।
7. रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन ने इस सीरीज में गेंद के अलावा बल्ले से भी कमाल किया है क्योंकि वह एक शतक भी जड़ चुके हैं। यह शतक चेन्नई टेस्ट मैच की दूसरी पारी के दौरान आया था। उन्होंने तीसरे मैच के दौरान भी 17 रन बनाए थे जो बहुत ही चुनौतीपूर्ण नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पर थे।
अनुभवी ऑफ स्पिनर सीरीज के दौरान अपने 400 टेस्ट विकेट पूरे करने में सफल हुए हैं और वह चौथे टेस्ट में भी अपना जलवा खेलना चाहेंगे।
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8. अक्षर पटेल
अक्षर पटेल बाएं हाथ के स्पिनर हैं जो अंग्रेजों के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द साबित हुए हैं। अक्षर पटेल चोट के कारण पहले टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे लेकिन दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में उनकी गेंदबाजी ने अंग्रेज बल्लेबाजी क्रम को झकझोर कर रख दिया।
उन्होंने अपने करियर के दूसरे टेस्ट मैच, जो कि भारत और इंग्लैंड की सीरीज का तीसरा मुकाबला था, में 11 विकेट लेकर दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। गुजरात का लड़का घरेलू जमीन पर फिर कमाल करना चाहेगा।
9. वाशिंगटन सुंदर/कुलदीप यादव
सुंदर को भारतीय टीम ने तीसरे टेस्ट मैच के लिए चुना था। उनको वहां गेंदबाजी करने का खास मौका नहीं मिला क्योंकि अक्षर और अश्विन ही बल्लेबाजी करने के लिए काफी थे।
हो सकता है भारतीय टीम मैनेजमेंट आत्मविश्वास खो चुके चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव को फिर से भरोसा देने के लिए प्लेइंग इलेवन में उतारे क्योंकि वह टेबल पर विविधता लेकर आते हैं और लाल गेंद के साथ अंग्रेज बल्लेबाजों के सामने एक खतरा पैदा कर सकते हैं।
10. ईशांत शर्मा
यह अनुभवी तेज गेंदबाज भारतीय पेस अटैक की रीढ़ रहा है और उन्होंने इस सीरीज के दौरान अपने 100 टेस्ट मैच और 300 टेस्ट विकेट भी पूरे किए हैं। इशांत शर्मा अपना 101वां टेस्ट मैच खेलने की ओर देख रहे हैं और भी उम्मीद कर रहे होंगे कि मोटेरा की पिच से उनको कुछ सहायता मिले ताकि वे अपने विकेटों की टैली में और इजाफा कर सकें।
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज भारतीय टीम के आक्रमण की बागडोर संभालेंगे और जल्द से जल्द विकेट दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल होगा।
11. उमेश यादव/मोहम्मद सिराज
उमेश यादव का घरेलू टेस्ट मैचों में काफी अच्छा रिकॉर्ड है और उनको इस सीरीज में भी उनको तीसरे टेस्ट से पहले ही मौका मिला था। इस तेज गेंदबाज को मोहम्मद सिराज से भी तगड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। सिराज ने सबको प्रभावित किया है और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में दूसरे टेस्ट मैच की अच्छी गेंदबाजी की थी। ऐसे में जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में उमेश यादव मोहम्मद सिराज के बीच में टॉस हो सकता है।