नई दिल्लीः जिस तरह से भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में रनों की बरसात हुई है उसको देखते हुए भारत के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर ने आईसीसी से अनुरोध किया है कि वह मौजूदा नियमों को एक बार तुरंत देखें कि किस तरह से उनमें गेंदबाजों की बेहतरी के लिए सुधार किया जा सकता है।
आपको बता दें दूसरे मैच में दोनों ही टीमों ने 300 से ऊपर रन बनाए थे और इंग्लैंड ने 337 रनों का लक्ष्य एकदम बौना साबित कर दिया था। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 50 ओवर में छह विकेट पर 336 रनों का स्कोर बनाया था जिसमें केएल राहुल ने 108 रनों का, ऋषभ पंत ने 77 रनों का और विराट कोहली ने 66 रनों का योगदान दिया था।
इसके जवाब में इंग्लैंड ने 44 ओवर से भी कम में टारगेट पूरा कर लिया। सच तो यह है कि अंग्रेज बल्लेबाज एक मिनट के लिए भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में असहज नहीं लगे। यह जॉनी बेयरस्टो का शो था जिन्होंने 112 गेंदों पर 124 रन बनाए और यह बेन स्टोक्स का भी निर्मम शो था जिन्होंने केवल 92 गेंदों पर 99 रन बनाए।
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इसके अलावा बहती गंगा में जेसन रॉय ने भी हाथ धोए जिन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली। भारत की ओर से कुणाल पांड्या की खूब पिटाई हुई और उन्होंने 6 ओवर में 72 रन दे दिए। भारतीय गेंदबाजों की बात नहीं है क्योंकि आदिल रशीद, बेन स्टोक्स जैसे गेंदबाजों ने भी 8 रन प्रति ओवर से अधिक दिए हैं। जाहिर है कि पिच पर गेंदबाजों के लिए ऐसा कुछ खास नहीं था और मौजूदा नियम खेल भी ऊपर से गेंदबाजी को और ज्यादा मुश्किल बनाते हैं।
दोनों ही तरफ के गेंदबाजों की कुटाई होती रही। ऐसे में गौतम गंभीर ने आईसीसी और बीसीसीआई से भी अनुरोध किया है कि वह मौजूदा नियमों को एक बार देखें। बल्लेबाज ने कहा है की इस समय जो नियम है वह बल्लेबाजों को अधिक फायदा दे रहे हैं। गंभीर ने कहा है की दो नई गेंद का नियम और, बाउंसर का नियम और इसके साथ ही सर्कल का जो नियम है वह देखे जाने की जरूरत है ताकि गेंदबाज केवल एक बॉलिंग मशीन ही बनकर ना रह जाए।
गंभीर लिखते हैं, "फिलहाल खेल के जो नियम है वह बल्लेबाजों के पक्ष में दिखाई देते हैं ऐसे में आरसीसी को सर्किल नियम, दो नई गेंदों का नियम और बाउंसर को लेकर प्रतिबंध को देखने की जरूरत है। वर्ना गेंदबाज सिर्फ एक प्रोग्रामिंग बॉलिंग मशीन बनकर रह जाएंगे।"