ऋषभ पंत की जगह राहुल हैं कीपर-
केएल राहुल ने क्रुणाल पांड्या के साथ भी अहम साझेदारी की और भारत को 5 विकेट के नुकसान पर 317 रनों पर पहुंचा दिया जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम धमाकेदार शुरुआत करने के बावजूद 251 रनों पर ऑल आउट हो गई और टीम इंडिया ने यह मुकाबला 66 रनों से जीत लिया। राहुल को खराब फॉर्म के चलते और संभवत रोटेशन के चलते भी इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम टी-20 मुकाबले से बाहर कर दिया गया था। इससे पहले राहुल ने लगातार निराश किया था। उनके सामने अभी भी कई समस्याएं थी लेकिन इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने वापसी करते हुए अपने सभी हर्डल को पार किया और ऋषभ पंत के स्थान पर विकेटकीपिंग करते हुए टीम इंडिया में अपने महत्व को फिर से चिह्नित किया।
WI vs SL: बॉनर के पहले टेस्ट शतक के दम पर विंडीज ने बचाया पहला टेस्ट
टीम में कंपटीशन पर केएल राहुल ने ये कहा-
यह तो सबको पता ही है कि पंत आजकल किस तरह की फॉर्म में खेल रहे हैं और उनको टीम से बाहर करना बेवकूफी ही लगती है ऐसे में केएल राहुल ने गुरुवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टीम में जबरदस्त कंपटीशन के ऊपर अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि भारतीय टीम में इतने प्रतिभावान खिलाड़ियों का एक बड़ा खेमा है सभी व्यक्तियों को खुद का सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए प्रेरित होना पड़ता है और लगातार अपनी सीमाओं को स्ट्रेच करना होता है ताकि वह पहले से बेहतर होते जाएं। राहुल ने कहा, "जब आप इस भारतीय टीम के हिस्से हो तो आप जानते हो कि कंपटीशन हमेशा तगड़ा रहने वाला है। आप कभी भी आराम से बैठ कर यह नहीं महसूस कर सकते कि आप की जगह टीम में पक्की हो गई। यह एक तरह से अच्छी बात ही है कि हमारी टीम में इतना हाई टैलेंट मौजूद है और लगातार खिलाड़ी आते हैं।"
टी20 और ओडीआई में फर्क बताया-
उन्होंने कहा, "इस भारतीय टीम में आप अपने आप को लगातार इंप्रूव करते हुए देखते हो ताकि आप हर गुजरते दिन के साथ और भी बेहतर बनते जाओ। इसके अलावा राहुल ने कहा है कि उनको ओडीआई फॉर्मेट में नंबर पांच पर बैटिंग करने को मिलती है तो ऐसे में उनके पास T20 की तुलना में थोड़ा सा ज्यादा टाइम होता है। मध्यक्रम में थोड़ा समय गुजारने के बाद एक तो अच्छे शॉट लगाना अच्छा होता है ताकि आपको फुटवर्क थोड़ा और बेहतर हो जाए।"
इसके अलावा राहुल आगे बात करते हैं और कहते हैं- "जब मैं आया शिखर धवन अच्छी बैटिंग कर रहे थे। मैं जानता था कुणाल पांड्या भी आएंगे तो मुझे पता था कि एक भागीदारी बनानी चाहिए। जब आप अपने खुद के व्यक्तिगत खेल के बारे में सोचना बंद कर देते हैं तो आपके सामने जिम्मेदारियां होती हैं और आप थोड़ा अधिक स्पष्ट सोचना शुरू कर देते हैं। मैंने मध्य में आकर 20-25 बॉल खेली और उसके बाद मुझे आत्मविश्वास मिलना शुरू हो गया।"