एंडरसन की तरह पुरानी वाइन साबित हो रहे हैं अश्विन-
अश्विन को ऑस्ट्रेलिया में देखकर लगा था कि वे बेअसर गेंदबाज नहीं है। भले ही वे काफी विकेट ना लें लेकिन आप उनको कभी खारिज करके नहीं खेल सकते। बतौर बल्लेबाज आपको अश्विन के हमेशा चुनौतीपूर्ण सवालों का जवाब देना होगा।
जब भारत की पिचों पर बात होती है तो अश्विन एक प्रलंयकारी गेंदबाज हैं। हम फिर कहेंगे अश्विन जेम्स एंडरसन की तरह पुरानी वाइन साबित हो रहे हैं। जब भारतीय क्रिकेट पर कुलदीप और चहल की जोड़ी हावी हो रही थी तब अश्विन के लिए एक चैलेंज का दौर था। इस दौर से या तो वे बिखर सकते थे या फिर अलग अंदाज में और भी हुनरमंद होकर वापिस आ सकते थे।
ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द मैच-
अश्विन अब भारतीय क्रिकेट के सर्वकालिक स्थापित गेंदबाज की भांति नजर आते हैं। वे विश्वसनीयता के मामले में हरभजन सिंह से आगे जा चुके हैं। एक दो साल की ऐसी ही निरंतरता उनको अनिल कुंबले के कद के बराबर लाकर खड़ी कर देंगी।
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भारत और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज अश्विन के बढ़ते और स्थापित होते कद पर मुहर लगाती है। उन्होंने 2 मैचों में 17 विकेट ले लिए हैं जबकि औसत केवल 17.82 का रहा है। उन्होंने चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में 3 और दूसरी में 6 विकेट लिए थे।
अब चेन्नई में ही उन्होंने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 5 और दूसरी में 3 विकेट मिले। और यह भी ना भूलें कि उन्होंने एक यादगार शतक भी दूसरी पारी में बनाया है। अश्विन को उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द मैच मिला है।
पिच की आलोचना करने वालों को अश्विन ने कहा-
अश्विन ने मैच के बाद माना है कि पिच ने पहले टेस्ट की तुलना में कहीं अधिक मुश्किलें पैदा की। उन्होंने बताया कि यह लाल मिट्टी का विकेट था और पहले मैच में क्ले विकेट था। पिच को लेकर बहुत हो-हल्ला हो रहा था और माइकल वॉन ने तो आसमान सर पर उठा रखा है। वॉन ने बिल्कुल छाती पीटकर पिच का रोना दुनिया के सामने रोया। ऐसी महान हस्तियों को जवाब देते हुए अश्विन ने कहा-
"जो गेंद पिच पर बहुत ज्यादा घूम रही थी उस पर विकेट नहीं मिल रहा था। यह बल्लेबाजों के दिमाग का डर था जिसने हमको विकेट दिलाए। यह बहुत जरूरी है कि आप गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखो, वर्ना वो हावी हो जाएंगे।"
अश्विन ने कहा कि उन्होंने अपनी बैटिंग करते हुए यही बात ध्यान में रखी। उन्होंने विक्रम राठौड़ को भी बल्लेबाजी के लिए श्रेय दिया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रहाणे ने कैसे उनकी मदद की। अश्विन ने कहा-
"रहाणे ने मुझे यह बताने में मुख्य भूमिका निभाई कि मैं (बैटिंग) में कुछ ज्यादा ही सोच रहा था। मैं बहुत खुश हूं जैसा मैंने खेला और वह भी चेन्नई में।"
'हीरो जैसा लगता है जब चेन्नई में खेलता हूं'
अश्विन ने आगे बताया कि इस पिच पर गेंदबाजी के दौरान विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करने से उनको परिणाम पाने में मदद मिली। कभी अलग कोण से गेंदबाजी की गई तो कभी रन अप में गति कम या तेज की गई।
अश्विन ने कहा, "मैंने चेन्नई में अब तक चार टेस्ट मैच खेले है और यह वाला सबसे खास है। यहां खेलने से मुझे हीरो जैसा अहसास होता है। "
अब अश्विन का यह सफर चेन्नई में पूरा हो गया है क्योंकि भारत को अगला मुकाबला अहमदाबाद में खेलना है। उम्मीद है चेन्नई का हीरो अहमदाबाद में भी चमक बिखेरता रहेगा। अश्विन भारतीय क्रिकेट में तमाम उतार-चढ़ाव के बीच स्थिरता कायम रखने वाले गेंदबाजों का एक दुर्लभ उदाहरण हैं।