हार्दिक पांड्या को कैसे मैनेज कर रहे हैं विराट कोहली?
लेकिन विराट कोहली ने वनडे मैचों में हार्दिक पांड्या से गेंदबाजी कराने से इनकार कर दिया है क्योंकि कोहली का कहना है कि हार्दिक पंड्या को वर्क लोड मैनेजमेंट की जरूरत है।
हालांकि सुनील गावस्कर ने विराट कोहली के इस तर्क को सिरे से नकार दिया है और कहा है कि हार्दिक पंड्या को कम से कम कुछ ओवर गेंदबाजी तो करना ही चाहिए क्योंकि वह भारत के लिए खेल रहे हैं तो किसी प्रकार का समझौता नहीं करना है। अगर हार्दिक पंड्या को वाकई में किसी तरह के वर्क लोड मैनेजमेंट की जरूरत है तो वह इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान आजमाया जा सकता है।
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सुनील गावस्कर ने कहा- कुछ ओवर तो बॉलिंग करें हार्दिक
सुनील गावस्कर ने तीसरे मैच में टॉस के बाद स्टार स्पोर्ट से यह बात कही। इस बार भी टॉस इंग्लैंड ने जीता और पहले बल्लेबाजी भारत को दी है। सुनील गावस्कर ने इस दौरान कहा, "जब आप वर्क लोड मैनेजमेंट की बात करते हैं तो आप अपनी टीम के बैलेंस को भी ध्यान देते हैं कि किसी खिलाड़ी का वर्क लोड मैनेजमेंट टीम के बैलेंस पर असर तो नहीं डाल रखा है। अगर प्लेइंग इलेवन में वह खिलाड़ी वर्क लोड मैनेजमेंट के कारण फिट नहीं बैठ रहा है तो उसको नहीं खिलाना चाहिए। आप आईपीएल के दौरान होने वाले मैचों में वर्क लोड को मैनेज कर सकते हैं। अगर वह इंडिया के लिए खेल रहे हैं और वह एक ऑलराउंडर है तो उनको तीन-चार ओवर गेंदबाजी करने के लिए उपलब्ध रहना चाहिए"
सहवाग ने भी दिया गावस्कर का साथ-
सुनील गावस्कर आगे कहते हैं कि मैं इस बात से सहमत हूं कि वह निश्चित तौर पर 10 ओवर का कोटा पूरा नहीं कर सकते हैं लेकिन अगर किसी एक गेंदबाज को मार पड़ती है तो हार्दिक पंड्या तो कम से कम तीन चार ओवर की भरपाई करने के लिए उपलब्ध रहना चाहिए। हार्दिक पंड्या का वर्क लोड भारत को संभालना चाहिए क्योंकि वर्तमान मैनेजमेंट का काम ही यही है लेकिन यदि यह टीम की प्लेइंग इलेवन का संतुलन बिगड़ने की कीमत पर तो रहा है तो जहां तक मेरा मानना है ये सही चीज नहीं है।
इसके अलावा वीरेंद्र सहवाग का भी यही कहा है कि-
"जहां तक बदलाव की बात है तो मुझे नहीं समझ में आता कि अगर हार्दिक टी20 में चार ओवर फेंक सकते हैं तो यही काम वे वनडे क्रिकेट में क्यों नहीं कर सकते।"
केवल बल्लेबाज के तौर पर परखा जाएगा फिर हार्दिक को- सहवाग
वीरेंद्र सहवाग आगे कहते हैं यदि वे एक बल्लेबाज के तौर पर ही खेल रहे हैं तो फिर उनको वनडे क्रिकेट में एक बल्लेबाज के तौर पर ही खेलना होगा और उनकी परफॉर्मेंस को उसी के आधार पर परखा जाएगा। क्योंकि एक ऑलराउंडर आपको सभी तरह की एडवांटेज दे देता है। लेकिन अगर वह बतौर बल्लेबाज खेल रहे हैं तो उनको बतौर बल्लेबाज ही परखा जाएगा। मैं इस बात से थोड़ा निराश हूं कि हार्दिक पंड्या ने एक ओवर भी गेंदबाजी नहीं की। अगर वह फिट हैं और टी-20 क्रिकेट में 4 ओवर फेंक सकते हैं तो फिर वह यहां पर बॉलिंग कर ही सकते हैं और इस दौरान वे कोई विकेट लेते हैं तो यह टीम की हेल्प करता है।
सहवाग ने आगे कहा, "अगर हार्दिक पांड्या के कार्यभार में कोई ओवर नहीं फेंकना है, तो मुझे लगता है कि कुछ गलत है। कोहली ने कहा कि पांड्या सहित सभी गेंदबाजों के लिए कार्यभार प्रबंधन किया जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि वह एक भी ओवर नहीं फेंके। 50 ओवर के लिए क्षेत्ररक्षण भी थका देने वाला होता है, इसलिए यदि वह बीच में चार-पांच ओवर फेंकता है, तो इससे कार्यभार अधिक नहीं बढ़ेगा। मुझे नहीं पता कि कौन तय करता है कि पांड्या का कार्यभार बढ़ गया है। क्योंकि जब से वह सर्जरी से लौटे हैं, उन्होंने ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला है।"
कहीं आईपीएल की वजह से तो ऐसा नहीं कर रहे हार्दिक?
उन्होंने कहा, "वह टेस्ट में चूक गए। उन्होंने 3 T20I खेले हैं, जिसमें उन्होंने चार-छह ओवर डाले हैं। काम का भार उस पर अभी तक नहीं आया है क्योंकि वह फिटनेस पर लौट आया है। अगर वह सभी प्रारूपों में नॉन-स्टॉप क्रिकेट खेल रहा होता, तो मैं इसे समझ जाता। लेकिन उसका अभी तक कोई भार नहीं है। उन्होंने केवल T20I खेला है। हो सकता है कि उन्होंने कहा हो कि वह वनडे क्रिकेट में 10 ओवर नहीं फेकेंगे, क्योंकि अगर मैं चोटिल हो गया तो मुझे आईपीएल मिस करना पड़ सकता है। "