नई दिल्लीः भारतीय कप्तान विराट कोहली ने फील्डिंग के ऊंचे स्टैंडर्ड सेट किए हैं और उन्होंने फील्डिंग के दौरान अपने खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज को लेकर सार्वजनिक नाखुशी जाहिर की है। लेकिन सच तो यह है कि विराट कोहली भी इस सीरीज में बहुत अच्छी फील्डिंग नहीं कर पाए हैं। उन्होंने तीसरे टी20 मैच के दौरान जॉस बटलर का कैच तब छोड़ दिया जब वे 76 रनों पर बैटिंग कर रहे थे। इसी के साथ विराट कोहली के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है जिसको भी कभी याद नहीं रखना चाहेंगे।
इंग्लैंड के खिलाफ यह छोड़ा गया क्या उनको इतना भारी पड़ा है कि साल 2019 के बाद से यह उनका छटा टी20 अंतरराष्ट्रीय ड्रॉप कैप था। इस प्रकार वह ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जो टेस्ट नेशन की ओर से सर्वाधिक के छोड़ चुके हैं। यानी कि टेस्ट मैच खेलने वाले किसी और देश के खिलाड़ी ने गोली जितने कैच नहीं छोड़े हैं। उन्होंने इंग्लैंड के क्रिस जॉर्डन को पछाड़ दिया है। इस लिस्ट में और भी कुछ आश्चर्यजनक नाम है जैसे कि स्टीव स्मिथ जिन्होंने चार कैच ड्रॉप किए हैं और वे नंबर 3 पर है यही हाल यूज़वेंद्र चहल का भी है।
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पिछले कुछ समय में विराट कोहली की वजह से भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस काफी सुधरी है। हाल के समय में ही राहुल तेवतिया और वरुण चक्रवर्ती फिटनेस टेस्ट को पास करने में विफल रहे और ऐसी परिस्थितियों में कोहली का कहना है कि कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
विराट कोहली के फिटनेस प्रेम के बारे में बात करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने बताया था की 2011 12 के द्वारा इंग्लैंड में जब भारतीय टीम टूर कर रही थी तब फिटनेस को लेकर कुछ मानक सामने आए थे और भारतीय टीम के कई सदस्य उस में विफल रहे थे। आश्चर्यजनक तौर पर विराट कोहली के गले में यह यह बात हजम नहीं हुई वह मेरा गोली का मानना था अगर इंग्लैंड की टीम के पास फिटनेस के मानकों में चीजें ठीक हो सकती है तो भारतीय खिलाड़ियों को भी अपनी चीजें ठीक करनी होगी। सेवा के अनुसार जब से वह कप्तान बनी है तब से उन्होंने फिर छत के ऊपर काफी जोड़ दिया है और आपको भारतीय टीम में प्रवेश करने के लिए कुछ फिटनेस टेस्ट पास करने पड़ते हैं ताकि हम विश्व भर के प्रतियोगियों के साथ कंपीट कर सकें।