खिलाड़ियों ने कहा- जल्दी ही नरम हो गई गेंद
SG गेंद का मुद्दा नया नहीं है। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट के दौरान भी 2018 में, अश्विन और कुलदीप यादव ने कहा था कि घरेलू परिस्थितियों में एसजी गेंद से गेंदबाजी करना मुश्किल था क्योंकि यह जल्द ही नरम हो रहा थी। रणजी ट्रॉफी में भी कई शिकायतों के बाद गेंदों को कई बार बदला गया। इनके सबके बाद निर्माताओं ने प्रतिक्रिया ली और कथित तौर पर उन मुद्दों को ठीक किया था।
लेकिन सपाट चेपॉक विकेट पर, हाथ से सिला हुआ एसजी गेंद का धागा, उम्मीद की तुलना में जल्द ही खुल गया। भारतीय टीम प्रबंधन का मानना है कि पिच की प्रकृति की भी भूमिका थी क्योंकि यह पहले कभी भी ऐसे नहीं हुई। लेकिन चिंताएं हैं कि गेंद उम्मीद से जल्द ही नरम हो गई हालांकि उनका मानना है कि एक स्पष्ट तस्वीर सीरीज के अंत तक ही उभरेगी।
कोहली ने कहा- हम गेंद से खुश नहीं हैं
इस पिच पर जैसे ही गेंद नरम पड़ी तो स्पिनर और पेसर दोनों को विकेट मिलना मुश्किल था। चेन्नई में गिरने वाले 40 विकेटों में से 26 बल्लेबाजों को तब आउट किया गया जब पहली और दूसरी नई गेंद 30 ओवर से कम की थी।
विराट कोहली ने पहले भी कहा है कि भारत में ड्यूक बॉल का इस्तेमाल करना कोई खराब बात नहीं होगी। उन्होंने एसजी गेंद के बारे में बोलते हुए कहा, "गेंद की गुणवत्ता ईमानदारी से ऐसी नहीं थी जिसे देखकर हम बहुत खुश हुए। क्योंकि यह अतीत में भी एक मुद्दा रहा है। सिर्फ 60 ओवर में गेंद के सीम को पूरी तरह से नष्ट होते देखना टेस्ट क्रिकेट में आप नहीं देखते हैं।"
9 विकेट लेने वाले अश्विन ने भी की आलोचना-
हालांकि अश्विन ने दूसरी पारी में छह विकेट चटकाए, लेकिन ऑफ स्पिनर एसजी गेंद की आलोचना करने में पीछे नहीं था उन्होंने कहा, "यह गेंद हमारे लिए बहुत विचित्र थी, क्योंकि मैंने एससी बॉल को इस तरह सीम फाड़ते हुए नहीं देखा है। 35 -40 वें ओवर के बाद दूसरी पारी में भी सीम छलकने लगी। यह काफी था ... यह विचित्र था। मैंने इतने सालों में ऐसी एसजी बॉल नहीं देखी है। लेकिन हां, शायद यह पिच के कारण हो सकता है।"
एक तरफ कोहली और अश्विन ने गेंद की खुलेआम आलोचना की है लेकिन एसजी कंपनी का कहना है कि उन्हें अभी तक बीसीसीआई से कोई शिकायत नहीं मिली है।
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