ओपनिंग जोड़ी में मयंक के साथ गिल-
मयंक अग्रवाल
मयंक के लिए पहले टेस्ट की पहली पारी में एक ठोस 35 और उसके बाद दूसरे में 59 का स्कोर भी बेहतर रहा। सच यह है कि वेलिंग्टन में मयंक अग्रवाल सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज थे। भारत क्राइस्टचर्च के रूप में इस शानदार बल्लेबाज से एक और अच्छी शुरुआत की उम्मीद कर रहा होगा।
शुबमन गिल
शायद रेड-बॉल क्रिकेट में ओपनिंग करना शुबमन गिल का पसंदीदा स्थान न हो, लेकिन पंजाब के दाएं हाथ के खिलाड़ी ने वार्म-अप गेम और ए सीरीज के दौरान दिखाया है कि वह कितने अधिक सक्षम हैं। वह पृथ्वी शॉ का स्थान लेने के लिए तैयार है क्योंकि उनका दूसरा टेस्ट के लिए संदिग्ध है। उन्होंने अपने बाएं पैर में सूजन के कारण गुरुवार को अभ्यास छोड़ दिया। शॉ के खेलने पर अंतिम फैसला उनकी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।
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पुजारा और कोहली-
चेतेश्वर पुजारा
ईमानदारी से कहें तो पुजारा उस तरह के बल्लेबाज भारत के लिए साबित ही नहीं हो सकें हैं जिसके तरह से उनको अगला राहुल द्रविड़ माना जाता था। क्रीज पर तो उन्होंने दोनों पारियों में लंबे समय तक कब्जा कर लिया लेकिन बल्ले से रन बनाने एक बार फिर ब्लॉक कर दिए। क्राइस्टचर्च में मैच जीतने के लिए भारत को अपने नंबर तीन से ठोस बल्लेबाजी की जरूरत होगी।
विराट कोहली
विराट कोहली सबसे अजीब स्थिति में हैं जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। कोहली कीवी दौरे पर रन ही नहीं बना पा रहे हैं। न्यूजीलैंड में कोहली की असफलता ने बड़ा सवाल तो खड़ा किया ही है बल्कि यह टीम की लगातार हार के रूप में और भी ज्यादा चुभने लगा है। वह इस दौरे पर 10 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक बनाने में सफल रहे हैं और पहले टेस्ट मैच में बिल्कुल भी सहज नहीं दिखे। क्या कोहली अंतिम टेस्ट में अपने नाम के साथ खेल पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।
रहाणे और हनुमा विहारी-
अजिंक्य रहाणे
पहली पारी में रहाणे बहुत अच्छे लग रहे थे। दूसरे में भी, उन्होंने सकारात्मक रहने की कोशिश की, लेकिन मयंक की तरह, वह आगे बढ़ने और बड़ा स्कोर करने में असफल रहे। अगर न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच में टर्नअराउंड करना है तो रहाणे, पुजारा और कोहली को एक साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी ही होगी।
हनुमा विहारी
जिस तरह से वेलिंगटन टेस्ट में दोनों पारियों में आउट हुए उससे हनुमा विहारी काफी निराश होंगे। 'ए' सीरीज में शतक के साथ और वॉर्म-अप खेल में भी शतक के साथ, विहारी ने काफी उम्मीदें थी। वह सामूहिक असफलता में फेल होने वाले एक और खिलाड़ी रहे लेकिन वह दूसरे टेस्ट मैच में वापसी करने के इच्छुक होंगे।
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ऋषभ पंत-
रिद्धिमान साहा के स्थान पहले टेस्ट में ऋषभ पंत के शामिल होने से कुछ भौंहें उठीं लेकिन पंत ने फिर भी जिस तरह का खेल दिखाया वह संतुष्ट करने वाला कहा जा सकता है। स्टंप के पीछे भी वह अच्छा थे। पंत न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में प्रभाव छोड़ने की उम्मीद करेंगे।
साथ ही वे गियर बदलकर एक पारी खेल दें तो मैच में फर्क आ सकता हैं।
'ऑलराउंडर' जडेजा, मोहम्मद शमी
रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के बीच चयन करना हमेशा एक मुश्किल काम है - दोनों ऐसे अच्छे स्पिनर हैं। अश्विन ने वेलिंगटन टेस्ट में एक अच्छा काम किया, और ग्रीन ट्रैक पर तीन विकेट लिए। लेकिन जडेजा के पक्ष में जो जा सकता है, वह उनका शानदार बल्लेबाजी फॉर्म है क्योंकि अश्विन ने ऑलराउंडर की हैसियत से खेलने के बावजूद निचले क्रम पर कोई स्कोर नहीं किया था।
मोहम्मद शमी
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने वेलिंगटन टेस्ट में कुछ नहीं किया। वह बस टुकड़ों में अच्छे थे और कुछ में कमजोर था। विराट कोहली चाहेंगे कि उनका अनुभव गेंदबाज दूसरे टेस्ट मैच में अधिक प्रभावी बने क्योंकि शमी ऐसे गेंदबाज हैं जो कई बार देर से चमकते हैं लेकिन जब भी ऐसा होता है तो वे दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ तेज गेंदबाज नजर आने लगते हैं।
पेस अटैक-
ईशांत शर्मा
ईशांत पहले टेस्ट में भारत के लिए एकमात्र चमकदार गेंदबाज थे। वह पांच विकेट के साथ लौटे और दूसरे टेस्ट मैच में, यह शानदार पेसर अपने 300 वें टेस्ट विकेट को प्राप्त करने के लिए लक्ष्य लेकर उतरेगा। ऐसा करने वाले वे कपिल देव के बाद केवल दूसरे दाएं हाथ के भारतीय तेज गेंदबाज होंगे।
जसप्रीत बुमराह
विराट कोहली की ही तरह, भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज, जसप्रीत बुमराह भी भयंकर दौर से गुजर रहे हैं। वे न्यूजीलैंड के इस दौरे में बड़े निराशाजनक रहे हैं। बुमराह ने पहले सत्र में सिर्फ 1 विकेट लिया और आराम के लिए कई रन पिटवाए।
बुमराह की एक और असफलता का मतलब होगा भारत के लिए सीरीज बचाना मुश्किल होना। बुमराह इस मैच में शमी के साथ मिलकर पुरानी जुगलबंदी में नजर आना चाहेंगे।