भारत को हर हाल में बचानी होगी सीरीज
अब क्राइस्टचर्च में 29 फरवरी से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए, भारत को इस दौरे पर एक और सूपड़ा साफ से बचने के लिए अपनी लाइन-अप में कई बदलाव करने होंगे। आइए देखते हैं टीम इंडिया को किस तरह के बदलाव की जरूरत होगी-
1. पृथ्वी शॉ बनाम शुबमन गिल
पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी का तथ्य यह है कि वह बेसिन रिजर्व में दोनों पारियों (क्रमशः 16 और 14 रन) में प्रभाव नहीं बना सके, 20 वर्षीय बल्लेबाज के लिए इस फार्म में दूसरे टेस्ट में कड़ी परिस्थितियों में खेलना एक और परीक्षा देने जैसा होने वाला है।
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इस बीच, शुबमन गिल ने न्यूजीलैंड ए के खिलाफ दो अनौपचारिक टेस्ट मैचों में भारत ए के लिए बल्ले से सनसनीखेज रहा है। क्राइस्टचर्च में पहले गेम में 83 और 204 * का स्कोर बनाने वाले पंजाब के बल्लेबाज ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने एक बार फिर 190 गेंदों पर 136 रन बनाकर अपनी टीम के लिए शीर्ष स्कोर किया।
शॉ की जगह पर गिल-
उन दो ड्रा टेस्ट मैचों में उनके कारनामों को देखते हुए, उन्हें वेलिंगटन में जगह बनाने की उम्मीद थी। अब जब शॉ अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहें हैं, तो गिल हागले ओवल में अपना बहुप्रतीक्षित टेस्ट डेब्यू कर सकते हैं। हालांकि कप्तान कोहली के नजरिए पर यह बदलाव काफी हद तक टिक है कि वो शॉ को आत्मविश्वास देने के लिए मौका देंगे या फिर गिल के साथ न्याय करते हुए कीवियों के खिलाफ वापसी करने की ओर एक फैसला लेंगे।
2. अश्विन की जगह पर जडेजा
तीन विकेट (3/99) लेने के बावजूद, अश्विन को बल्ले से योगदान देने में विफल रहने के लिए अगले टेस्ट में हटाया जा सकता है। हालांकि यह ऑफ-स्पिनर निस्संदेह टीम इंडिया के लिए लंबे प्रारूप में एक चैंपियन गेंदबाज रहा है लेकिन भारत कीवी दौरे पर बल्लेबाजी में कमी बुरी तरह महसूस कर रहा है।
बल्ले से प्रदर्शन महत्वपूर्ण-
वेलिंगटन में उनके स्कोर (0 और 4 रन) तब नहीं आए जब टीम को निचले क्रम की जरूरत थी, ऐसे में कहीं ज्यादा शानदार बल्लेबाजी करने में सक्षम रवींद्र जडेजा को दूसरे टेस्ट मैच के दौरान एकादश में जगह मिल सकती है। इसके अलावा न्यूजीलैंड में हालात स्पिन के बहुत ज्यादा माकूल नहीं दिख रहे हैं। पार्ट टाइम ऑफ स्पिन करने में हनुमा विहारी भी सक्षम हैं। ऐसे में जडेजा को लाकर भारत बैटिंग लाइन अप को ज्यादा आत्मविश्वास की स्थिति में रखना चाहेगा तो ताज्जुब नहीं होगा।
3. बुमराह की जगह पर सैनी
यह वास्तव में आश्चर्य की बात हो सकती है लेकिन बुमराह की गेंद के साथ मौजूदा फार्म वास्तव में एक छोटा ब्रेक उनको देने की वाजिब वजह बन सकती है। 3 वनडे में कोई विकेट नहीं लेने वाले बुमराह पहले टेस्ट में 1 ही विकेट ले सके ऐसे में कोहली को यह बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। यह सिर्फ एक खराब पारी के बाद धारणा में बदलाव के कारण नहीं है, बल्कि मुंबई इंडियंस के स्टार के दबाव को कम करने और उस पर अति-निर्भरता से बचने के लिए भी है।
कीवियों से बचने के लिए कोहली की सोच भी अहम-
ऐसे में टीम प्रबंधन को सैनी के बदले बुमराह को ब्रेक देना होगा। मोहम्मद शमी पिच की स्थितियों के बावजूद सफलता प्रदान करने में सक्षम हैं, जबकि ईशांत शर्मा ने वेलिंगटन में पांच विकेट लेने के साथ एक बार फिर अपनी साख साबित की है।
देखने वाली बात होगी की टीम संयोजन में काफी तयशुदा नजरिया रखने वाला कोहली एंड मैनेजमैंट अगले मैच में क्या नजरिया लेकर उतरता है।