भारतीय कप्तान का बल्ले से निराशाजनक अभियान
ये इस दौरे पर उनकी 8वीं सफेद गेंद पारी थी जिसमें उन्होंने मात्र एक ही हॉफ सेंचुरी ठोकी है। यह कोहली के सेट किए स्टेंडर्ड से एकदम उल्ट कहानी है।
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कोहली का यह प्रदर्शन एक ऐसे समय आया जब रोहित शर्मा और शिखर धवन जैसे दिग्गज बाहर थे और कप्तान पर अतिरिक्त जिम्मेदारी दिखाने की उम्मीदें चरम पर थी। कोहली निश्चित तौर पर हर मैच में शतक नहीं लगा सकते लेकिन भारत को उनके उम्मीदों से नीचे प्रदर्शन का खामियाजा भुगतना पड़ा है। कोहली की बल्लेबाज भी उन कारणों में से एक है जिनके चलते भारत ने वनडे सीरीज गंवाई है।
7 साल बाद पहली बार हुआ ऐसा
खास बात यह है कि ये कोहली की लगातार ऐसी तीसरी सीरीज है जब उन्होंने शतक नहीं लगाया। यह बात और भी ज्यादा निराश करती है क्योंकि ऐसा जुलाई 2013 के बाद से पहली बार हुआ है। यानी लगभग 7 साल बाद कोहली का ऐसा प्रदर्शन सामने आया है।
रोहित-धवन बिना टॉप ऑर्डर फेल
जहां तक तीसरे वनडे की बात है तो एक बार से ओपनर्स बेहतर शुरुआत देने में विफल रहे। मयंक मात्र 1 रन बनाकर चलते बने जबकि शॉ ने 40 रनों का योगदान दिया। वे रन आउट हुए। लेकिन ये एक बार फिर से अय्यर और राहुल की जोड़ी है जिसने अच्छी साझेदारी की है। अय्यर ने एक बार फिर अर्धशतक लगाया और 62 रनों की पारी खेली।