नई दिल्लीः ऋषभ पंत का जीरो से हीरो और हीरो से जीरो बनने का अजीबोगरीब सफर क्रिकेट में अभी तक जारी है। वे दक्षिण अफ्रीका में अहम मौकों पर खराब तरीके से आउट हो रहे हैं। उन्होंने वांडरर्स टेस्ट की दूसरी पारी में खुद को जीरो पर तब आउट करा दिया जब भारत के लिए एक-एक रन बेहद अहम था। उन्होंने कैगिसो रबाडा जैसे खतरनाक गेंदबाज की बॉल पर आगे बढ़कर मारने का प्रयास किया जबकि अभी बैटिंग के दौरान उन्होंने केवल तीन ही गेंदों का सामना किया था।
पंत की सुनील गावस्कर ने तो आलोचना की ही बल्कि भारत के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा भी इस मामले में पीछे नहीं रहे। स्टार स्पोर्टस् से बात करते हुए चोपड़ा कहते हैं कि पंत को स्थिति समझनी चाहिए थी, उनको रबाडा पर बिना सोचे शॉट नहीं खेलना चाहिए था क्योंकि उन्होंने पहले ही दो बल्लेबाजों को आउट कर दिया था और अब पूरी रौ में बॉलिंग करते हुए दिखाई दे रहे थे।
वैसे पंत भी खुद के आउट होने के तरीके पर निराश थे और पवेलियन लौटते हुए उनके चेहरे पर हताशा के भाव पढ़े जा सकते थे।
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चोपड़ा ने कहा कि, 'ईमानदारी से पंत यही कहेंगे कि यही तो मेरा गेम है, लेकिन ऐसा हर बार सही नहीं होता। इंटरनेशनल क्रिकेट में आपको दो चीजें करनी ही होती हैं- पहली है परिस्थितियों का जायजा लेना और स्थिति का भी सम्मान करना। अगर आपने अभी ही दो विकेट गंवाए हैं, तो फिर आप ऐसे कैसे खेल रहे हैं। आप उस बॉलर के खिलाफ ऐसा कर रहे हैं जिसने दो विकेट लिए।
'यह एक गैर जिम्मेदार शॉट था। हां, वह 25 साल के हैं और उनके पास एक्स फैक्टर हैं, वह ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर हम निवेश कर सकते हैं। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाए हैं, ऑस्ट्रेलिया में अहम पारी खेली है। उनकी कीपिंग भी सुधरी है। लेकिन ऐसे शॉट खेलने का तब भी कोई तुक नहीं है। उन्होंने टीम को नीचा दिखाया है।'
भारत की टीम दूसरी पारी में हनुमा विहार द्वारा खेली गई शानदार 40 रनों की पारी के दम पर 266 रन बनाने में कामयाब रही। विहारी अंत तक नाबाद रहे वर्ना एक समय टीम इंडिया सवा दो सौ के आस-पास सिमटती हुई दिख रही थी। शार्दुल ठाकुर ने भी 28 रनों का योगदान दिया। भारत की पारी में पुजारा और रहाणे ने अर्धशतक लगाए लेकिन पारी को आगे बढ़ाने में नाकामयाब रहे।