विशाखापट्टनम: भारतीय वनडे टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा के लिए टेस्ट मैचों में करियर का नया अध्याय खुला है। सीमित ओवरों की क्रिकेट में एक से एक रिकॉर्ड बनाने वाले रोहित अब टेस्ट मैचों में भी ओपनर बन चुके हैं और उन्होंने पहली ही पारी में धमाका करते हुए 176 रन बनाए। लेकिन हिटमैन यही पर ही नहीं रुका, उन्होंने दूसरी पारी में भी धुआंधार शतक जमाकर 127 रन बना दिए जिसके दम पर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां पहला टेस्ट 203 रनों से जीतने में काफी मदद मिली। रोहित को उनकी शतकीय पारियों के लिए मैन ऑफ द मैच भी दिया गया।
रोहित ने मैच के बाद खुलासा किया कि उनको कुछ साल पहले ही बोला गया था कि उनसे ओपनिंग कराई जा सकती है और वे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार भी थे। रोहित ने कहा, 'यहां तक की नेट में भी नई गेंद से भी प्रैक्टिस करता था। इसलिए ओपनिंग करना मेरे लिए सरप्राइज नहीं था। गेंद चाहे लाल हो या सफेद, आपको बेसिक्स पर ध्यान देने की जरूरत होती है आपको फोकस बरकरार रखना होता है।' रोहित ने इस दौरान बतौर ओपनर पहली बार मौका देने के लिए सभी का धन्यवाद भी अदा किया।
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रोहित ने इसी बीच एक और मजेदार खुलासा किया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह उनका सबसे स्पेशल टेस्ट था तो रोहित ने इस बात से इंकार कर दिया। रोहित ने सबसे पहले रिकॉर्ड पर बात करते हुए कहा, 'मैं यहां पर रिकॉर्ड की परवाह करने के लिए नहीं हूं। मैं बस क्रिकेट का लुत्फ उठाना चाहता हूं। यह मेरा सबसे स्पेशल मैच नहीं है। जो आप पहली बार खेलते हैं वो आपका स्पेशल मैच होता है। इसलिए मेरे लिए मेरा पहला टेस्ट सबसे खास है जो मैंने 2013 में खेला था।'
बता दें कि मैच के पांचवें दिन 395 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीकी टीम 191 पर सिमट गई और भारत ने 203 रनों से मैच जीत लिया। इस मैच में भारत की जीत के कई हीरों रहे जिनमें रोहित शर्मा का नाम सबसे ऊपर रखा जा सकता है जिन्होंने अनिश्चित टेस्ट करियर के बीच अचानक ओपनिंग में उतर बल्लेबाजी का अंदाज ही बदलकर रख दिया।