नई दिल्लीः श्रीलंका दौरे पर यह दूसरी बार हुआ है जब भारत ने अपनी और भी कमजोर टीम उतारी और उसको हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले तीन मैचों की वनडे सीरीज के अंतिम मुकाबले में ऐसा हुआ था और अब T20 सीरीज के दूसरे मैच में ऐसा करना टीम इंडिया की मजबूरी हो गई। कुणाल पांड्या के कोरोनावायरस होने के चलते भारत के कुछ अन्य खिलाड़ियों को भी आइसोलेट होना पड़ा जिसके चलते टीम का हर सदस्य चयन के लिए उपलब्ध नहीं था और बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने के सिवा टीम प्रबंधन के पास कोई भी चारा नहीं था।
गनीमत यह रही कि शिखर धवन इस मुकाबले में खेलने के लिए उतरे क्योंकि इससे पहले ऐसी रिपोर्ट आ रही थी कि धवन भी क्रुणाल पांड्या के करीबी संपर्क में आए हैं और वे भी आइसोलेट रहेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और शिखर धवन खेलने के लिए उतरे। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में केवल 132 रन बनाए जिसमें शिखर धवन 42 गेंदों पर 40 रन बनाकर टॉप स्कोरर भी रहे। लेकिन यह रन श्रीलंका की टीम के लिए बहुत ही कम थे और उन्होंने फिर भी संघर्ष दिखाया और 19.4 ओवर में छह विकेट के नुकसान पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया।
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शिखर धवन ने हार के बाद कहा है कि पिच पर गेंद थोड़ी रुक कर आ रही थी और यहां पर टर्न भी मिल रहा था। वे कहते हैं कि उनकी टीम में एक बल्लेबाज कम था। ऐसे में खिलाड़ियों को अपनी पारी को खुद संभालना था, इसके बावजूद भी 10 से 15 रन कम रह गए और उन्होंने अंतर पैदा किया।
शिखर धवन ने भारतीय टीम के गेंदबाजों की तारीफ की है कि उन्होंने 20 ओवर तक मुकाबले को खींच लिया जबकि लक्ष्य इतना बड़ा नहीं था। वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव और राहुल चाहर ने बहुत अच्छी गेंदबाजी का प्रदर्शन किया और श्रीलंका को 6 विकेट का झटका देने के बाद एक ऐसी स्थिति में मैच को पहुंचा दिया जब 12 गेंदों पर 20 रन चाहिए थे।
हालांकि भारत यहां से मैच जीत सकता था लेकिन स्पिनरों का कोई भी ओवर बाकी नहीं था जिसके कारण मेजबान टीम ने परिस्थिति का भरपूर फायदा उठाते हुए 2 गेंद शेष रह कर यह मुकाबला जीत लिया। धवन अपने गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहते हैं, "मुझे अपने मुझे लड़कों पर गर्व है। कभी ना हारने वाला रवैया गजब का है। इन खिलाड़ियों को सलाम है कि आखिरी ओवर तक मुकाबले को खींचकर ले गए।"