रोहित शर्मा 'द हिटमैन'
इससे पहले भारत ने पुणे टेस्ट एक पारी और 137 रनों से जीता था और विशाखापत्तनम टेस्ट में भी 203 रनों की विशाल जीत पाई थी। ये आंकड़े बताते हैं कि भारत किस कदर अपने विरोधी पर हावी रहा। रोहित शर्मा इस सीरीज की सबसे बड़ी खोज साबित हुए जिन्होंने एक दोहरे शतक समेत पूरे सीरीज में 3 शतक जड़ दिए और वे 500 प्लस स्कोर करने वाले इकलौते बल्लेबाज बने। उन्होंने 3 टेस्टों की 4 पारियों में 529 रन बनाए जिसने उनका औसत 132.25 का रहा और स्ट्राइक रेट 77.45 का रहा। रोहित ने रांची में करियर का पहला दोहरा टेस्ट शतक भी लगाया। इस मैच में रोहित ने 212 रनों की पारी खेली जिसके दम पर उनको मैन ऑफ द मैच और ओवरऑल प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज भी दिया गया।
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शमी और उमेश की तेज गेंदबाजी का जलवा-
यह सीरीज शुरू होने से पहले माना जा रहा था कि टीम इंडिया के स्पिनर्स ही गेंदबाजी में मुख्य हथियार साबित होंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और पेसर्स ने भी अपनी अहम भूमिका को अंजाम दिया। भारतीय तेज गेंदबाजी में मोहम्मद शमी की तूती पूरी सीरीज में बोलती रही और दूसरे टेस्ट में शामिल हुए उमेश ने भी कमाल का प्रदर्शन किया। शमी ने इस सीरीज में 3 मैचों में केवल 14.76 की औसत के साथ 13 विकेट लिए और उमेश को दो मैचों में ही 12.18 के औसत के साथ 11 विकेट हासिल हुए। शमी ने विशाखापट्ट्न टेस्ट में शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट लिए थे तो वहीं उमेश ने पुणे के बाद रांची में अपनी गति की धार दिखाई।
मयंक अग्रवाल-
भारत की ओपनिंग जोड़ी के शानदार सफर के दूसरे महारथी रहे मयंक अग्रवाल जिन्होंने रोहित का बखूबी साथ देते हुए सीरीज में 340 रन बनाए। मयंक रोहित के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज साबित हुए। उन्होंने एक दोहरा शतक समेत दो शतक लगाए। मयंक का सीरीज में औसत 85 का रहा जिसमे उन्होंने 55.19 के स्ट्राइक रेट के साथ बल्लेबाजी की। मयंक ने पहले ही टेस्ट मैच में 215 रनों की पारी खेली थी। जबकि दूसरे टेस्ट में उन्होंने 108 रन बनाए थे।
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रविचंद्रन अश्विन और 'ऑलराउंडर' जडेजा
अश्विन ने इस सीरीज के जरिए लंबे समय बाद टेस्ट क्रिकेट में अपनी वापसी की जो शानदार साबित हुई। अश्विन इस सीरीज में 25.26 के औसत के साथ 15 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज साबित हुए। अश्विन ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 7 और पुणे टेस्ट की पहली पारी में 4 विकेट लेकर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। अश्विन के स्पिन जोड़ीदार जडेजा ने भी सीरीज में कसी हुई गेंदबाजी के साथ 13 विकेट लिए और वे मोहम्मद शमी के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे। इतना ही नहीं, जडेजा ने बल्ले भी से शानदार प्रदर्शन करते हुए सीरीज में 212 रन बनाए और उनका औसत 70.67 का रहा जबकि स्ट्राइक रेट 70.43 का रहा।
रोहित से भी ज्यादा औसत रहा विराट का-
भारतीय कप्तान विराट कोहली इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज रहे। उन्होंने 3 मैचों की 4 पारियों में एक दोहरे शतक के साथ 317 रन बनाए जिसमे उनका औसत 158 का रहा जो पूरी सीरीज में किसी भी बल्लेबाज में सबसे ज्यादा है। कोहली ने 74.94 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए जो रोहित के स्ट्राइक रेट से कुछ ही कम है। रोहित ने पुणे टेस्ट की पहली पारी में 336 गेंदों पर 254 रनों की पारी खेली थी और वे नाबाद लौटे थे। इस मैच में कोहली को प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड भी दिया गया था।