
टॉप ऑर्डर में राहुल और मयंक-
1. केएल राहुल-
राहुल ने सेंचुरियन में पहली पारी में 27 रन बनाए थे और वे अब ओडीआई सीरीज के लिए भारत के कप्तान भी होंगे क्योंकि रोहित शर्मा चोटिल है। कुल मिलाकर केएल राहुल पहले से कहीं अधिक जिम्मेदार व्यक्ति के तौर पर देखे जा रहे हैं और दूसरे टेस्ट में भी वे भारतीय बल्लेबाजी को टॉप ऑर्डर में लीड करेंगे।
2. मयंक अग्रवाल-
केएल राहुल के दोस्त और भारत के एक और भरोसेमंद ओपनिंग बल्लेबाज मयंक अग्रवाल सेंचुरियन की पहली पारी में 60 रन बनाकर भारत को ठोस शुरुआत देने में बहुत अहम भूमिका निभा चुके हैं। उनको दूसरे टेस्ट के लिए भी प्लेइंग इलेवन में मौका दिए जाने की उम्मीद है और वे रोहित शर्मा जैसे दिग्गज की अनुपस्थिति में मिले हुए दुर्लभ मौकों को दोनों हाथों से भुनाना चाहेंगे।

मीडिल ऑर्डर को परफॉर्म करना होगा-
3. चेतेश्वर पुजारा-
पुजारा भारत के लिए चिंता का विषय जरूर है क्योंकि सेंचुरियन की दोनों पारियों में वह सुपर फ्लॉप साबित हुए लेकिन उनके अनुभव को देखते हुए भारतीय टीम मैनेजमेंट विदेशी दौरे पर बीच में ही उनको बाहर निकालने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगा और वैसे भी जीती हुई टीम की प्लेइंग इलेवन में बदलाव कम ही किए जाते हैं।
4. विराट कोहली, कप्तान-
नंबर चार पर विराट कोहली दिखाई देंगे जो 2 साल से अधिक समय से अपने इंटरनेशनल शतक के लिए भटक रहे हैं। हालांकि कोहली के अंदर अभी भी उतना ही जुनून, उतनी ही इंटेंसिटी देखने को मिलती है और वे चाहेंगे कि बल्लेबाजी में भी कुछ योगदान दें और जोहांसबर्ग में ही मुकाबला जीतकर बतौर टेस्ट कप्तान अपने करियर में एक और उपलब्धि दर्ज कर दें।
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हनुमा विहारी को मिल सकता है मौका-
5. अजिंक्य रहाणे-
चेतेश्वर पुजारा की तरह अजिंक्य की फॉर्म भी भारत के लिए चिंता का विषय है लेकिन भारत के इस पूर्व टेस्ट कप्तान ने सेंचुरियन की पहली पारी में 48 रनों की पारी खेली थी और दूसरी पारी में भी अच्छे दिखाई दिए थे ऐसे में टीम उनके साथ चलना चाहेगी और रहाणे भी मिले हुए एक और मौके को अपना टेस्ट करियर बचाने के लिए इस्तेमाल करना चाहेंगे।
6. हनुमा विहारी-
हनुमा विहारी यहां पर शार्दुल ठाकुर को रिप्लेस कर सकते हैं ताकि भारत का मिडल ऑर्डर थोड़ा मजबूत हो सके। वैसे तो हनुमा विहारी के साथ श्रेयस अय्यर भी एक विकल्प रहते हैं लेकिन सीनियरिटी को देखते हुए विहारी को मौका दिए जाने की संभावनाएं बनती है क्योंकि उन्होंने इस साल भारत की ए टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका का दौरा भी किया था।

पंत और अश्विन से बल्लेबाजी में और उम्मीदें-
7. ऋषभ पंत, विकेटकीपर-
विदेशी धरती पर तेज पारियां खेलने के लिए मशहूर ऋषभ पंत इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया में कमाल कर चुके हैं और उन्होंने सेंचुरियन में दूसरी पारी में अहम मौके पर 34 गेंदों पर 34 रन बनाए थे जो लो-स्कोरिंग पारी में काफी अहम साबित हुए थे।
8. रविचंद्रन अश्विन-
वैसे तो दक्षिण अफ्रीका की पिचें तेज गेंदबाजों की ही माकूल होती हैं लेकिन रविचंद्रन अश्विन ने सेंचुरियन में अच्छी गेंदबाजी का नजारा पेश किया था। वे भारत के एकमात्र स्पिनर के तौर पर टीम में जगह बनाएंगे। वैसे वे बल्ले से भी रन बना सकते हैं जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

बेहतरीन पेस बॉलिंग जोड़ी-
9. जसप्रीत बुमराह-
जसप्रीत बुमराह हमेशा की तरह इस बार भी भारत के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में एक रहेंगे। उन्होंने सेंचुरियन टेस्ट की दोनों पारियों में भारत को जब भी जरूरत पड़ी तब विकेट दिलवाई और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डिन एल्गर को दो बार आउट भी किया।
10. मोहम्मद शमी-
शमी भी काफी हद तक जसप्रीत बुमराह की तरह ही विश्वसनीय है और यह विकेट उनके लिए काफी मददगार भी साबित हो रहे हैं। शमी सेंचुरियन टेस्ट में भी घातक साबित हुए थे और उन्होंने पहली पारी में 5 व दूसरी पारी में 3 विकेट लेकर भारत की जीत में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। टीम इंडिया इस बार भी अपनी प्लेइंग इलेवन में शमी का ऑटोमेटिक सलेक्शन देकर उनसे एक अन्य मैच विनिंग परफॉर्मेंस की उम्मीद कर रही होगी।

मोहम्मद सिराज को बाहर करना मुश्किल-
11. मोहम्मद सिराज-
मोहम्मद सिराज के अंदर तेज गेंदबाजी में उतनी ही उर्जा और जुनून देखने को मिलता है जितना की बल्लेबाजी और फील्डिंग करते हुए विराट कोहली में देखने को मिलता है। भारतीय टीम पेस फ्रेंडली पिचों पर ऐसे ऊर्जावान युवा तेज गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन से बाहर नहीं करना चाहेगी।