2019 के बाद से युजवेंद्र चहल का प्रदर्शन-
यही हाल T20 इंटरनेशनल मैचों का है जहां पर चहल ने 2019 के बाद से 21 मैचों में केवल 18 ही विकेट लिए जिसमें उनका औसत 41.66 रहा, स्ट्राइक रेट 27.3 रहा और इकॉनमी रेट 9.14 रहा। जाहिर है यह किसी भी गेंदबाज के लिए प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का आंकड़ा नहीं है।
आईपीएल की बात करें तो चहल ने 2019 में 18 विकेट लिए जिसमें उनका इकॉनमी रेट 7.82 रहा जबकि 2020 में वे 21 विकेट ले पाए और उनका इकोनामी रेट 7.08 रहा। वे 2021 के आईपीएल सीजन में 7 मैच खेलकर चार ही विकेट ले पाए जबकि उनका इकॉनमी रेट 8.26 रहा। जाहिर है इन आंकड़ों को देखकर शायद ही टीम मैनेजमेंट चहल को श्रीलंका के खिलाफ जगह देना चाहेगा लेकिन 30 साल के इस गेंदबाज के पास अनुभव है जो उनके खाते में अभी भी बरकरार है।
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राहुल चाहर नई संभावना जगाते हैं-
दूसरी और राहुल चाहर ने मुंबई इंडियंस के लिए अच्छा खेल दिखाया है और जिस तरह से लगातार सालों में दो टी-20 विश्वकप खेले जाने हैं और फिर भारत में 2023 वनडे वर्ल्ड कप भी खेला जाना है तो लंबी रेस के लिए राजस्थान के इस स्पिनर को मौका देना ज्यादा तर्कसंगत लगता है।
चहल जहां 2021 के आईपीएल में बुरी तरह पिटे तो वही राहुल चाहर ने 7 मैचों में 11 विकेट चटका दिए जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 15.2 था और इकॉनमी रेट 7.21 था। चाहर ने आईपीएल 2019 में 6.55 के इकॉनमी रेट से 13 विकेट लिए और फिर पिछले साल यूएई में 15 विकेट चटकाए। चाहर ने मुंबई के लिए बहुत ही शांति से अपना काम किया है और वह बुमराह, बोल्ट और मलिंगा जैसे दिग्गजों की छाया में भी पहचान कायम करने में कामयाब रहे हैं।
उन्होंने तीन T20 इंटरनेशनल में भारत के लिए खेला है और अभी ओडीआई क्रिकेट में डेब्यू करना बाकी है। अगर ओवरऑल प्रदर्शन की बात करें तो चाहर के नाम 78 T20 विकेट है जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 17.7 है और इकॉनमी रेट 7.39 है। अपने T20 करियर में चाहर ने विपक्षी बल्लेबाजों के रन रोकने के अलावा विकेट लेने की काबिलियत भी दिखाई है जो कि उनकी सबसे बड़ी क्वालिटी दिखाई देती है।
ये है अनुभव बनाम इन-फॉर्म का मुकाबला
दूसरी बात यह है कि भारत अनिल कुंबले के बाद से एक क्वालिटी लेग स्पिनर के लिए टेस्ट मैचों में जूझ रहा है। अमित मिश्रा ने बीच-बीच में यह काम किया है लेकिन अब ऐसा कोई स्पिनर दिखाई नहीं देता जो टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए शानदार काम कर पाए। ऐसे में चहल पर अगर टीम बड़ा इन्वेस्टमेंट करती है और उनको लंबा मौका देती है तो चाहर टेस्ट क्रिकेट के लिए भी कहीं ना कहीं फिट हो सकते हैं।
श्रीलंका में अच्छी परफॉर्मेंस चाहर को मैच विजेता होने का आत्मविश्वास भी दिला सकती है। अगले ढाई साल में 3 विश्वकप मौजूद है और चाहर पर निवेश करना भारत के लिए अच्छा हो सकता है।
श्रीलंका दौरे पर मुकाबला अनुभव बनाम मौजूदा इनफॉर्म युवा स्पिनर का है। दोनों ही खिलाड़ी लेग स्पिन फेंकते हैं जहां चाहर एक मौके के हकदार जरूर लगते हैं।