नई दिल्लीः डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की शर्मनाक हार के बाद भारत को अपनी टेस्ट टीम प्लेइंग इलेवन पर फिर से ध्यान देगा होगा। अब भारत को चार अगस्त से शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड का सामना करना है और खबर है कि भारत चेतेश्वर पुजारा को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने की सोच रहा है।
पुजारा के निराशाजनक प्रदर्शन ने टीम प्रबंधन को उनसे हटकर सोचने के लिए मजबूर किया है। भारत की आधुनिक दीवार के रूप में मशहूर पुजारा को कई बार ओवरेटेड खिलाड़ी भी माना जाता है। उनकी तुलना सीधे महान राहुल द्रविड़ से कर दी जाती है हालांकि वह महत्वपूर्ण मौकों पर कई बार-बार विफल हो रहे हैं। यह भी देखा गया है कि उनकी लगातार हद दर्जे की धीमी बैटिंग और फिर भी रन ना बनाने से विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे पर बेमतलब का दबाव बढ़ा है। ये दोनों बल्लेबाज भी अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं।
कोहली, पुजारा, रहाणे से आगे सोचना ही भविष्य है, भारत के लिए टेस्ट ट्रांजिशन का समय
इनसाइड स्पोर्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रबंधन पुजारा की जगह केएल राहुल या हनुमा विहारी को शामिल करने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, कोहली टेस्ट में 4 के बजाय 3 बल्लेबाजी पॉजिशन पर उतारा जा सकता है। पहले पुजारा को टेस्ट में भारतीय टीम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक माना जाता था, लेकिन यहीं पर कई लोगों ने पुजारा को ओवररेट कर दिया। उनको विश्व के किसी भी अटैक की धार कुंद करने वाले बल्लेबाज के तौर पर पेश किया गया। खुद कप्तान कोहली इस बात के सबसे बड़े प्रचारक थे। लेकिन अब हाल के दिनों में इस दीवार में दरारें दिखने लगी हैं। वास्तव में, डब्ल्यूटीसी फाइनल में बहुत उम्मीदें थी लेकिन दुख की बात है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
पिछली तीन सीरीज की बात करें तो 2020 के बाद से, उन्होंने 26.35 के औसत से ही रन बनाएं हैं। उम्र ढलने के साथ पुजारा मानों रन बनाने में भी डरने लगे हैं। 2019 तक उनका स्ट्राइक रेट 46.49 हुआ करता था जो अब गिरकर 30.20 हो गया है। हाल के दिनों में एकमात्र बड़ी पारी तब आई जब उन्होंने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 77 रन बनाए। वह पिछली 30 पारियों में एक भी शतक नहीं लगा पाए हैं। और यह सब आंकड़े उनके इंग्लैंड सीरीज में बाहर बैठने की संभावनाओं को जोड़ते हैं।