क्या खलील वाकई हैं धारदार?
टीम इंडिया के लिए सबसे पहली और सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभर रहे हैं खलील अहमद। क्या इस गेंदबाज को टीम इंडिया में सिर्फ इसलिए जगह दी गई है क्योंकि ये बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं ? यह सवाल हम नहीं टी-20 सीरीज खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स पूछते दिखे। घरेलू मैदान पर विंडीज के खिलाफ खेले गए मैचों में खलील अहमद में वो स्पार्क दिखा जिसकी वजह से उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दौरे की हवाई जहाज में जगह मिली लेकिन पिछले तीन टी-20 में उनकी जमकर धुनाई हुई। अंतरर्राष्ट्रीय अनुभव की कमी से जूझ रहे खलील ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर शॉर्ट पिच गेंदबाजी करते दिखे जिसके बाद बल्लेबाजों ने उन्हें जमकर पीटा।सिडनी टी-20 में क्रुणाल पांड्या का कमाल,बने ऐसा करने वाले पहले भारतीय
सिडनी टी-20 में क्रुणाल पांड्या का कमाल,बने ऐसा करने वाले पहले भारतीय
लाइन-लेंथ ढूंढते दिखे खलील
क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो खलील अभी नए हैं और उन्हें बहुत कुछ सीखना है लेकिन घेरलू क्रिकेट का एक पूरा सीजन भी नहीं खेलने वाले खलील के लिए विश्व कप से पहले की तैयारी में अभी कई अड़चनों को पार करनी बाकी है। पिछले तीन टी-20 की तीन पारियों में 11 ओवर की गेंदबाजी करने वाले खलील ने 3 विकेट झटकने के लिए 116 रन लुटा दिए। इस दौरान उनका औसत 38.66 रहा और वो भारतीय टीम की ओर से रन खर्च करने के मामले में दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी रहे। क्रुणाल ने इसी श्रृंखला में 117 रन खर्च किए लेकिन वो 5 विकेट झटक कर टॉप परफॉर्मर रहे। ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर सही लाइन और लेंथ ढूंढने में खलील तीन मैच खेल तो गए लेकिन वो रिदम पाने में नाकाम दिखे। इस खिलाड़ी को अगर टीम इंडिया विश्व कप 2019 की संभावितों में देख रही है तो टीम मैनजेमेंट को अभी इन पर बहुत काम करना होगा।
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पंत बन रहे टीम की दूसरी बड़ी कमजोरी
टीम इंडिया के कप्तान ने ऑस्ट्रलियाई दौरे पर पहुंचते ही 17 नवंबर को एक खास खिलाड़ी की तस्वीर शेयर कर उन्हें चैंपियन बताया था लेकिन वो मौजूदा श्रृंखला में फिसड्डी साबित हुए. इनके गैर जिम्मेदाराना रवैये से तो क्रिकेट प्रशंसक और विश्लेषक दोनों सवाल उठाने लगे हैं। ये कोई और नहीं बल्कि टीम इंडिया के मौजूदा विकेटकीपर ऋषभ पंत हैं। दिनेश कार्तिक को टीम मैनजेमेंट ने बतौर बल्लेबाज टीम में जगह दी और उन्होंने दो मैचों में सधी पारी खेल अपने चयन को सही साबित किया लेकिन क्या पंत ने अपने चयन के साथ न्याय किया। अपने गैर जिम्मेदार शॉर्ट खेलने की वजह से वह आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं और क्रिकेट दिग्गजों ने तो टीम मैनजेमेंट को उन्हें ड्रॉप करने तक की सलाह दे डाली।
कैसे आक्रामक ऋषभ बने गैर-जिम्मेदार?
ऋषभ पंत मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर खेले 3 मैचों की दो पारियों में कुल 20 रन बना पाए और इस दौरे पर उनका सर्वाधिक स्कोर 12 रहा। उनकी इस छोटी सी पारी में एक चौके और एक छक्के शामिल हैं। विकेट के पीछे अपने स्टांस (खड़े होने का तरीका) की वजह से उन्होंने हाल के दौरे में भी अहम मौकों पर कैच टपकाए। बाएं हाथ के विकेटकीपर होने की वजह से वो अपनी दाहिनी तरफ उतनी तेज डाइव नहीं कर पाते हैं जितना उनका बाईं ओर नेचुरल स्ट्रेंथ है। पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए चौथे टेस्ट मैच में एक पारी में 23 अतिरिक्त रन दे बैठे थे। उन्होंने इसी मैच में जॉस बटलर का भी कैच ड्रॉप किया था।
गोल्डन डक से लगा सवालिया निशान
अपनी स्ट्रोक मेकिंग के लिए विख्यात पंत को क्रिकेट दिग्गजों ने विकेट के पीछे खुद को ठीक करने की सलाह दी है। विंडीज के खिलाफ भी इन्होंने 93 के स्कोर पर एक गैर जिम्मेदारी भरा शॉर्ट खेला और आउट हो गए थे। आक्रामक खेल के लिए विख्यात पंत घरेलू श्रृंखला में विंडीज के तेज गेंदबाजों के सामने जूझते दिखे वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके गोल्डन डक और शॉर्ट खेलने के तरीके ने उन पर एक गैर जिम्मेदार क्रिकेटर का टैग लगा दिया है। अब आप तय करें क्या पंत गैर जिम्मेदार हैं और कैसे टीम की बड़ी कमजोरी बन रहे हैं।
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कब फॉर्म में लौटेंगे लोकेश ?
कभी टीम इंडिया के चयनकर्ताओं के लिए पॉजिटिव मायनों में सिरदर्द बने लोकेश राहुल अपनी हाल में खेली पारियों की वजह से वाकई सिरदर्द बनते जा रहे हैं। इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला में औसत प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रलियाई दौरे पर उनकी शुरूआत औसत से भी कम रही है। पिछले तीन मैचों की दो पारियों में उन्होंने कुल 27 रन बनाए हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर 14 रहा। 32 गेंदों की इन पारियों में वो रनों के लिए संघर्ष करते दिखे। हाल के दौरे में BCCI ने 'नो चॉपिंग और चेंजिंग' की नीति अपनाई है, मैच से पहले खिलाड़ियों की घोषणा कर दी जाती हैं और ODI और टी-20 में खिलाड़ियों को बैक किया जा रहा है। टीम से अंदर-बाहर हो रहे लोकेश आत्मविश्वास की कमी से जूझते दिख रहे हैं और अब टेस्ट में इनका प्रदर्शन कैसा होगा इस बात पर सबकी नजरें टिकी हैं।
इंग्लैंड में भी हुए हैं फेल
अगर आंकड़ों की बात करें तो जानिए हाल के दिनों में लोकेश राहुल का टीम इंडिया में प्रदर्शन कैसा रहा है। इंग्लैंड दौरे पर टी-20 श्रृंखला में प्राइम फॉर्म में दिखे राहुल ऐसे खेल रहे थे जैसे उन्हें कुछ साबित करना हो। उन्होंने 3 मैचों की 3 पारियों में 126 रनों की पारी खेली। लेकिन ODI में वो अपना यह फॉर्म जारी नहीं रख पाए और 2 मैच की 2 पारियों में महज 9 रन बना पाए। यहां से ही उनके खराब फॉर्म का सिलसिला शुरू हुआ जो एक 'भूत' की तरह उनका पीछा करता रहा और टेस्ट में यह स्थिति बद से बदतर होती चली गई। टेस्ट में लोकेश 5 मैचों की 10 पारियों में महज 299 रन ही बना पाए और इनस्विंग होती गेंदों पर बेबस नजर आए। उनकी इस पारी में 149 रनों की एक पारी शामिल है जो उनकी इंग्लैंड के खराब फॉर्म में सबसे आक्रामक पारी थी बांकी 9 पारियों में इन्होंने महज 150 रन बनाए।
विंडीज के भारत दौरे में भी लोकेश का फ्लॉप शो
कभी बेंच स्ट्रेंथ के मजबूत दावेदार और ओपनर की जगह के परफेक्ट विकल्प कहे जाने वाले लोकेश राहुल का यह खराब दौर विंडीज के भारत दौरे में भी देखा गया जब वो उसैन थॉमस की अंदर आती गेंद पर संघर्ष करते दिखे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के सामने इनकी यह समस्या जारी रहेगी या ये अपनी कमजोरी दूर कर पाएंगे। विंडीज के खिलाफ दो टेस्ट की 3 पारियों में राहुल ने कुल 37 रन बनाए जिसमें 33 रन इनका सर्वाधिक स्कोर था, इतना ही नहीं टी-20 में भी ये फिसड्डी साबित हुए और तीन मैचों में कुल 59 रन ही बना पाए।