कितने सफल होंगे रोहित ?
शिखर धवन की टेस्ट टीम से छुट्टी के बाद ओपनिंग का जो स्लॉट खाली हुआ है उसके तीन दावेदार हैं। रोहित शर्मा,पार्थिव पटेल और पृथ्वी शॉ, पाटा विकेट पर रन पीटने के माहिर 'हिटमैन' स्विंग होती गेंदों पर टेस्ट में बचने के विकल्प ढूंढते हैं, दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उनकी विफलता किसी से छिपी नहीं है। हालांकि कोच ने उन्हें बैकफुट का बेस्ट खिलाड़ी बताते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट के लिए फिट बताया है लेकिन क्या वो मिचेल स्टार्क और जॉस हेजलवुड की स्विंग होती गेंदों पर शास्त्री के बैक-फुट के बेस्ट प्लेयर के रिमार्क को सही साबित कर पाएंगे या 'बैकफुट' पर चले जाएंगे ये तो आने वाला वक्त बताएगा। भारतीय क्रिकेट टीम में 'बेस्ट कॉम्बिनेशन' हाल के दिनों में कप्तान और कोच के द्वारा खुद के बचाव में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है लेकिन क्या सिर्फ इस शब्द से ऑस्ट्रेलिया में जीत मिलेगी या वाकई विराट-शास्त्री को जोड़ी को अपनी टीम का बेस्ट कॉम्बिनेशन ढूंढना होगा।
पंत या पार्थिव किसे मिले मौका ?
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया एकादश के खिलाफ प्रैक्टिस गेम से ठीक पहले पार्थिव पटेल को बैटिंग कोच संजय बांगर से लंबी बातचीत करते हुए देखा गया। क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो पार्थिव को ओपनिंग स्लॉट दिया जाना चाहिए। ऋषभ के विंडीज का भारतीय दौरा और इंग्लैंड में विकेट की पीछे लचर प्रदर्शन के बाद उनकी विकेट कीपिंग पर सवाल उठ रहे हैं। इंग्लैंड के टेस्ट दौरे में उन्होंने एक पारी में सबसे अधिक रन लुटाए तो इशांत और शमी की गेंदों पर वो विकेट के पीछ बेबस नजर आए।
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज से पहले विराट के सामने आई ये 'तीन बड़ी' परेशानी
किसे मिले विकेट कीपिंग का जिम्मा
हाल के दिनों में पंत का लचर शॉर्ट भी सुर्खियां बटोर रहा है। वैसे कप्तान कोहली अपने इस 'चैंपियन खिलाड़ी' के बचाव में हमेशा खड़े दिखते हैं। उन्होंने तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 में पंत के विकेट को मैच का टर्निंग पॉइंट बता दिया। क्या धोनी की जगह एक फिनिशर के तौर पर टीम में शामिल पंत अपने चयन को जस्टिफाई कर पाएंगे या 'कप्तान कोहली के चैंपियन खिलाड़ी' का टैग ही उन्हें टीम में लचर प्रदर्शन के बावजूद जगह दिलाता रहेगा। विराट और टीम मैनजेमेंट के लिए पंत भी धीरे-धीरे ही सही सिरदर्द बनते जा रहे हैं भले कप्तान इसे स्वीकार न करें। पार्थिव ने न्यूजीलैंड-A के खिलाफ खेले गए मैच में 94 रनों की पारी खेली है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पारी उनके आत्मविश्वास में कितना काम आती है।
पार्थिव और पंत का प्रदर्शन
पार्थिव भले ही कीपिंग में बहुत मजबूत नहीं हैं लेकिन ऋषभ के लचर प्रदर्शन के बाद टीम मैनजेमेंट उन्हें कीपिंग ग्लव्स थमा सकता है। हाल के दिनों में पंत का लचर शॉर्ट भी सुर्खियां बटोर रहा है। वैसे कप्तान कोहली अपने इस 'चैंपियन खिलाड़ी' के बचाव में हमेशा खड़े दिखते हैं। उन्होंने तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 में पंत के विकेट को मैच का टर्निंग पॉइंट बता दिया। क्या धोनी की जगह एक फिनिशर के तौर पर टीम में शामिल पंत अपने चयन को जस्टिफाई कर पाएंगे या 'कप्तान कोहली के चैंपियन खिलाड़ी' का टैग ही उन्हें टीम में लचर प्रदर्शन के बावजूद जगह दिलाता रहेगा। विराट और टीम मैनजेमेंट के लिए पंत भी धीरे-धीरे ही सही सिरदर्द बनते जा रहे हैं भले कप्तान इसे स्वीकार न करें। पार्थिव ने न्यूजीलैंड-A के खिलाफ खेले गए मैच में 94 रनों की पारी खेली है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पारी उनके आत्मविश्वास में कितना काम आती है। पार्थिव भले ही कीपिंग में बहुत मजबूत नहीं है लेकिन ऋषभ के लचर प्रदर्शन के बाद टीम मैनजेमेंट उन्हें कीपिंग ग्लव्स थमा सकता है।
क्या है टीम का 'तथाकथित' बेस्ट कॉम्बिनेशन
घरेलू क्रिकेट में (2017-18) 30 पारियों में कुल 8 शतक के साथ 2141 (सबसे अधिक) रन बनाने वाले मयंक अग्रवाल का विंडीज के खिलाफ दो टेस्ट के लिए टीम में चयन तो हुआ लेकिन वो प्लेइंग-11 में जगह नहीं बना पाए। वजह शायद न उन्हें पता है और न ही क्रिकेट प्रशंसक। टीम इंडिया और खासकर विराट-शास्त्री की जोड़ी भले ही बेस्ट कॉम्बिनेशन का ढोल पीटते दिखते हैं लेकिन सच इससे अलग है। पूरे इंग्लैंड दौरे पर फ्लॉप हुए मुरली विजय आखिर ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए कैसे फिर से फिट हो गए जबकि विंडीज के भारत दौरे पर उन्हें टीम में नहीं लिया गया. पूरी दुनिया की पिचों पर रन बना चुके मयंक क्या ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर खेलने लायक खिलाड़ी नहीं है। गौतम गंभीर ने भी इस मुद्दे पर चयनकर्तओं को जमकर सुनाया है लेकिन क्या वाकई भारतीय टीम बेस्ट कॉम्बिनेशन के साथ ऑस्ट्रेलिया गई है. यह आपको तय करना है।
BCCI की बदलती नीति
हाल के दिनों में BCCI ने भी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की रणनीति अपनाई है। ऐसा माना जाता है कि मैच से पहले प्लेइंग एकादश का टीम कॉम्बिनेशन जाहिर करने के बाद विपक्षी टीम रणनीति की तैयारियों में जुट जाते हैं लेकिन अब BCCI और टीम मैनजेमेंट ने भी अपने प्लेइंग एकादश की घोषणा मैच से पहले शुरू की है। क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो यह मैच में खेल रहे खिलाड़ी के मनोबल को मजबूत करता है. वैसे भी मैच से पहले खिलाड़ियों को भले ही बता दिया जाता हो कि वो खेल रहे हैं लेकिन दुनिया को बता देने से शायद उनका आत्मविश्वास और बढ़ता हो। ऑस्ट्रेलियाई दौर पर विराट के लिए बेस्ट टीम के साथ खेलना भी एक बहुत बड़ी चुनौती होने वाली है।
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