भुवनेश्वर कुमार:
गेंद को दोनों तरफ से स्विंग करा लेने में माहिर भुवनेश्वर कुमार ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान इस खिलाड़ी को खासा मिस किया गया था। इस खिलाड़ी की मौजूदगी इंग्लैंड के स्कोर बोर्ड पर असर जरूर डालती। हार्दिक पांड्या की गैर मौजूदगी में भुवनेश्वर टीम का संतुलन बनाने में काफी मददगार साबित होंगे।
कुलदीप यादव:
मौजूदा दौर में भारतीय टीम में कुलदीप यादव के सितारे बुलंदियों पर है।हालांकि ऑस्ट्रेलिया की सरजमी पर भारतीय टीम अुनभवी गेंदबाज अश्विन को तवज्जो देगी लेकिन कुलदीप की मौजूदगी भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी।धर्मशाला में डेब्यू करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम की पारी को तहस नहस करने में कुलदीप ने काफी अहम भुमिका निभाई थी। विदेशी पिचों पर गेंद को टर्न न मिलने पर गेंद को बाउंस कराने की क्षमता कुलदीप को औरों से अलग बनाती है। हालांकि उनका चयन इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत पांच गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरता है या चार।
जसप्रीत बुमराह:
दक्षिण अफ्रीका में लाल गेंद से पदार्पण करने वाले जसप्रीत बुमराह विराट कोहली के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज रहे हैं। बुमराह का करारा प्रहार और और पिच से मुवमेंट क्रिएट करना उन्हें औरे से अलग बनाता है। 24 साल के इस खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में काफी जल्दी एक अलग मुकाम बना लिया है। रेड बॉल से गेंदबाजी करते हुए जसप्रीत ने 28 विकेट अपने नाम किए हैं। इस दौरान उनकी गेंदबाजी का औसत 25.6 रहा है और उन्होंने ने दो बार पारी में पांच विकेट अपने नाम किए हैं।उनका बेस्ट परफार्मेंस 54/5 रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका खेला तय ही है ऐसे में उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखना काफी मजेदार होगा।
अगर डाउन अंडर 2014 के दौरे की बात करें तो कोई भी भारतीय गेंदबाज उस दौरे पर बहुत सफल नहीं हुआ था, मोहम्मद शमी एकलौते सफल गेंदबाज थे जिन्होंने 3 मैच में 35.80 की औसत से 15 विकेट लिए थे वहीं अश्विन 3 मैचों में 584 रन लुटाकर मात्र 12 विकेट लेने में सफल हो पाए थे।
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आर अश्विन:
हरभजन सिंह और अन्य दिग्गजों के टीम से बाहर जाने के बाद आर.अश्विन अनुभव के आधार पर स्पिन विभाग में सबसे सीनियर खिलाड़ी हैं।अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में छह टेस्ट में 54.71 की औसत से सिर्फ 21 विकेट लिये हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में वह 25.44 की औसत से 336 विकेट ले चुके हैं। कुलदीप और अश्विन के साथ खेलने को लेकर टीम संतुलन बनान पर जोर देगी।
इशांत शर्मा :
भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा लय में हैं।ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। इशांत टीम इंडिया के युवा गेंदबाजों के लिए भी फायदेमंद होंगे। उनके अनुभव का फायदा युवा खिलाड़ियों को भी मिलेगा। इशांत के पास ऑस्ट्रेलिया में भी खेलने का अनुभव है। इस सीरीज में भी उनकी शानदार गेंदबाजी देखने को मिल सकती है।
मोहम्मद शमी :
टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज शमी ने प्रैक्टिस मैच में 24 ओवर में 97 रन देकर 3 विकेट झटके। वो इससे पहले भी अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं।साल 2014 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वो दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। शमी ने 4 मैचों में 15 विकेट झटके थे। इस दौरान एक बार पांच से ज्यादा विकेट लिए।