आलोचकों को दिया करारा जवाब
पिछले साल ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराने के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने यह कहते हुए भारतीय टीम की सराहना नहीं की थी कि यह पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम नहीं थी। बॉल टेंपरिंग की वजह से बैन झेल रहे डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की गैरमौजूदगी में टीम कमजोर थी, इसलिये यह जीत उतनी अच्छी नहीं है।
अब दोनों खिलाड़ी टीम में लौट चुके हैं, साथ ही फॉर्म में चल रहे मार्नस लाबुशाने ने भी भारत के खिलाफ अपना डेब्यू किया। कोच शास्त्री ने इन आलोचकों को याद करते हुए कहा,' इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। अब कोई नहीं कह सकता कि हम कमजोर ऑस्ट्रेलियाई टीम से जीते हैं। मुंबई में हारने के बाद लगातार दो मैच जीतना और इतनी यात्रा के बीच जबकि ऑस्ट्रेलिया ने तीनों मैचों में टॉस जीता।'
वानखेड़े की हार के बाद जिस तरह टीम ने वापसी की वह है बड़ी उपलब्धि
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले ही मैच में करारी हार का सामना करना पड़ा था। वानखेड़े में खेले गये इस मैच में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से हराया था।
मैच में जीत के बाद कोच रवि शास्त्री ने कहा, 'हमारी टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। जिस तरह से टीम ने मुंबई में मिली करारी हार के सीरीज में वापसी की, पहले राजकोट में ऑस्ट्रेलिया को हराया और फिर बेंगलुरु में जीत हासिल कर वनडे सीरीज में जीत हासिल की। यह वापसी टीम का चरित्र दिखाती है। हमने लगातार दो मैच जीते और यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।'
रोहित शर्मा को था जिम्मेदारी का अहसास
कोच रवि शास्त्री ने रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि शिखर धवन के चोटिल होने के बाद रोहित शर्मा को एहसास था कि आज पारी शुरुआत करने और उसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है।
शास्त्री ने कहा, 'एक बार जब रोहित और विराट ने पारी की शुरुआत की तब भी उन्हें अहसास था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम का सामना कर रहे हैं जो हमेशा विकेट लेने का प्रयास करती रहती है। ऐसे में इन दोनों बल्लेबाजों ने जिम्मेदारी के साथ बैटिंग की।'
उन्होंने श्रेयस अय्यर की भी तारीफ की जिन्होंने नाबाद 44 रनों की पारी खेलकर कप्तान विराट कोहली का अच्छा साथ दिया।
क्रिकेट के 130 साल फिर भी अचूक है यह गेंद
रवि शास्त्री ने अपने गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा कि वह उनके खेल से काफी संतुष्ट हैं, उनकी गेंदबाजी के प्रदर्शन से साफ है कि हमारे पास अच्छे विकल्प मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, 'अगर टीमें हमारे खिलाफ आखिरी 10 ओवरों में हमारी टीम पर आक्रामक होने की सोच रही हैं तो ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।'
शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट को 130 साल हो गए हैं लेकिन यॉर्कर अब भी सर्वश्रेष्ठ गेंद है।
उन्होंने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बल्लेबाज कौन है अगर आप अच्छी यॉर्कर फेंक सकते हैं तो आप उसे मुश्किल में डाल सकते हैं।'
नवदीप सैनी के मुरीद हुए कोच रवि शास्त्री
ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत के लिए सबसे मुश्किल चुनौती समझा जा रहा था। शास्त्री ने कहा कि इस स्तर की विपक्षी टीम के खिलाफ खेलना युवा खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा अनुभव साबित हुआ। अगर बार जब वह किसी भी टीम के खिलाफ खेलेंगे तो उनकी मानसिकता अलग होगी।
युवा तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने भी कोच को अपने खेल से प्रभावित किया। शास्त्री ने कहा कि सैनी काफी तेज हैं और अगर वह नियंत्रण के साथ गेंदबाजी करते रहते हैं तो उनका सामना करना बहुत मुश्किल काम है।