नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश के बीच विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत होने वाले 2 मैचों की टेस्ट सीरीज को लेकर भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा काफी उत्साहित हैं। चेतेश्वर पुजारा के उत्साह की वजह बांग्लादेश के खिलाफ होने वाला पहला डे-नाइट टेस्ट मैच है जिसकी चुनौतियों को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि भले ही इसके चुनौतीपूर्ण होने की बातें चल रही हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि टीम का मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप इस पिंक बॉल टेस्ट को पास कर लेगा। पुजारा का मानना है कि टीम इंडिया को पिंक बॉल के अनुसार बल्लेबाज करने में कोई समस्या नहीं होगी। तीन साल पहले जब सौरव गांगुली की अगुआई वाली बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने पहली बार गुलाबी गेंद के साथ प्रयोग किया था तो इसे दलीप ट्राफी में लागू किया गया था जिसमें पुजारा ने इंडिया ब्लू के लिये दो बड़े शतक जड़ते हुए 453 रन बनाये थे। उन्होंने इस दौरान नाबाद 256 रन की पारी भी खेली थी।
पुजारा ने डे-नाइट टेस्ट पर बात करते हुए कहा,'यह उत्साहित करने वाला होगा। हमने जो दिन-रात्रि मैच खेला था तो वो प्रथम श्रेणी मैच था, यह टेस्ट मैच होगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सभी खिलाड़ी इसके लिये उत्साहित हैं।'
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उन्होंने कहा, 'जितना हम खेलेंगे, उतना ही हमें अनुभव मिलेगा कि गेंद को कैसे खेला जाये। हर गेंद में अपनी चुनौती होती हैं मुझे नहीं लगता कि लाल गेंद से गुलाबी गेंद से खेलने में ज्यादा बदलाव करना होगा। कारण यह है कि यह एक ही प्रारूप है। हम पांच दिवसीय मैच ही खेल रहे हैं।'
गौरतलब है कि सौरव गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालते ही दिन-रात्रि टेस्ट के लिये बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को सहमत कर लिया जिससे अब दोनों देश 22 से 26 नवंबर तक ईडन गार्डन्स में गुलाबी गेंद से अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगे।
पुजारा ने 2016-17 सत्र में दूधिया रोशनी में गेंद दिखने में दिक्कत की शिकायत की थी लेकिन अब वह इसके लिये अच्छी तरह तैयार हैं। '
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उन्होंने कहा, 'हां, बस यह दूधिया रोशनी में होता है तो यह अलग होगा। लेकिन यह सिर्फ गुलाबी गेंद का आदी होने की बात है। मुझे ऐसा ही लगता है। इसके अलावा, मुझे नहीं लगता कि इसमें ज्यादा अंतर होगा। हम कुछ टेस्ट मैच खेल लेंगे तो हम बिलकुल सही अंतर जान पायेंगे और इसमें सुधार कर सकते हैं।'
आपको बता दें कि मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम में पुजारा के अलावा मयंक अग्रवाल, ऋषभ पंत, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और ऋद्धिमान साहा को घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है।
उन्होंने कहा, 'हमें कोई परेशानी नहीं होगी। ज्यादातर खिलाड़ी दलीप ट्राफी में खेल चुके हैं और जो नहीं खेले हैं, उनके लिये यह सीखने का अच्छा मौका होगा।'
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इससे पहले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर समेत कई पूर्व खिलाड़ियों ने डे-नाइट टेस्ट मैच में होने वाली चुनौतियों की बात की है जिसमें शाम में खेलने पर ओस की समस्या सबसे अहम है।