सबसे प्रदूषित मैच बना भारत-बांग्लादेश के बीच का यह मुकाबला
भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गये इस मैच के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम के आस-पास एयर क्वालिटी इंडेक्स 500-600 के बीच था जो कि विश्व हेल्थ संगठन के मानक के अनुसार बेहद खतरनाक की कैटेगरी में आता है। WHO के अनुसार 0-50 के बीच के AQI को 'गुड', 51-100 'Satisfactory', 101-200 'Moderate', 201-300 'Poor', 301-400 'Very Poor' और 401-500 'Severe' माना जाता है। और अगर यह AQI 500 से ऊपर चला जाये तो इस स्थिति को 'Svere Plus' कैटेगरी में डाला जाता है जो कि एक आपातकाल स्थिति मानी जाती है।
2017 में भी खिलाड़ियों का हुआ था बुरा हाल
यह पहला मौका नहीं था जब किसी टीम ने इतने प्रदूषित माहौल में क्रिकेट खेला हो, साल 2017 में भारत दौरे पर आई श्रीलंका टीम ने भी इसका सामना करते हुए दिल्ली के ही फिरोजशाह कोटला मैदान पर मैच खेला था। उस वक्त क्रिकेट इतिहास के 140 सालों में वह पहला मौका था जब प्रदूषण के चलते 26 मिनट तक खेल को रोकना पड़ा। इतना ही नहीं श्रीलंकाई खिलाड़ियों को लगातार 2 दिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था जिसके चलते दो बार (26 मिनट और 20 मिनट तक) खेल रोकना पड़ा था।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने सांस लेने में समस्या और बीमार होने की शिकायत भी की और कुछ खिलाड़ियों ने मैदान पर उल्टी भी कर दी थी और कुछ ड्रेसिंग रूम पहुंचकर गिर पड़े थे। इस मैच के दौरान मैदान के आस-पास का AQI 382-473 के बीच था।
रणजी 2018 में मास्क पहनकर खिलाड़ियों ने खेला मैच
ऐसा नहीं है कि दिल्ली में इस बार ही प्रदूषण की मार देखने को मिली है, पिछले कुछ वर्षों से लगातार नवंबर और दिसंबर के महीने में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। बात 2016 की करें तो उस भी ऐसी ही स्थिति थी और भारतीय क्रिकट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को कोटला ग्राउंड पर शेड्यूल रणजी ट्रॉफी मुकाबला रद्द करना पड़ा था। यह मैच बंगाल और गुजरात के बीच होना था। वहीं, 2018 में एक रणजी मैच के दौरान मुंबई और रेलवे टीम के खिलाड़ियों को मास्क लगाकर मैच खेलना पड़ा था।