जडेजा से बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है
यह कहना बिल्कुल सही रहेगा कि जडेजा से बचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। बांग्लादेश की पहली पारी 150 रनों पर ही सिमट गई। लेकिन भारत को जो 9वीं सफलता प्राप्त हुई वो चर्चा में आ गई। दरअसल, हुआ कुछ ऐसा कि 57वें ओवर की तूसरी गेंद पर जडेजा ने विरोधी बल्लेबाज को रन आउट करने का माैका गंवा दिया। इस दाैरान सब भारतीय खिलाड़ी निराश दिखे। लेकिन अगली ही गेंद पर जडेजा ने चीते सी फुर्ती दिखाकर रन आउट के रूप में भारत की झोली में विकेट डाल दी।
पहले हुई चूक
उमेश यादव ओवर फेंक रहे थे। सामना कर रहे थे अबू जायद। ओवर की तीसरी गेंद पर अबू ने गली की ओर शाॅट खेला और एक रन के लिए भाग निकले। तभी गली में खड़े जडेजा ने गेंद हाथ में लपकते हुए विकेटकीपर की ओर तेजी से थ्रो किया लेकिन गेंद विकेटों पर नहीं लगते हुए बाउंड्री पर 4 रन के लिए चली गई। उधर नाॅनस्ट्राइक से भागे तैजुल इस्लाम की किस्मत साथ दे गई क्योंकि वो जडेजा के थ्रो से आउट होने से बच गए। अगर थ्रो लगता तो तैजुल उसी समय वापस पवेलियन लाैटते। लेकिन इसकी अगली ही गेंद पर जडेजा ने तैजुल को गलत साबित करते हुए रन आउट कर हिसाब बराबर किया।
फिर ऐसे किया हिसाब बराबर
तैजुल ने इसी ओवर की चाैथी गेंद पर गिली ओर शाॅट खेला। पहला रन तेजी से लेने के बाद वो दूसरा रन भी लेने के लिए दाैड़े। उधर गेंद का पीछा कर रहे जडेजा ने इस बार कोई गलती ना दोहराते हुए विकेटकीपर रिद्धिमान साहा की ओर गेंद फेंक दी। तैजुल क्रीज पर पहुंचते इससे पहले साहा ने गिल्लियां बिखेर जडेजा की मेहनत पर कामयाबी की मुहर लगा दी। इसी के साथ भारत को 9वीं सफलता भी मिली। जडेजा ने साबित कर दिया कि उनके खेल पर शक करना बेवकूफी रहेगी। तैजुल ने शायद पिछली गेंद पर जडेजा के बेकार थ्रो को देखते हुए दूसरा रन लेने का रिस्क लिया था।