विराट कोहली की कप्तानी में दिखा दम
टेस्ट क्रिकेट के 142 साल के इतिहास में दुनिया की कोई टीम जो नहीं कर पाई थी भारतीय कप्तान विराट कोहली ने वो कर दिखाया है। विराट कोहली की कप्तानी में लगातार 4 बार पारी और रनों के अंतर से जीतने वाली पहली टीम बन गई है भारतीय टीम। पिंक बॉल के साथ उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय करियर का 70 वां शतक लगाया और टेस्ट करियर का 27वां शतक लगाया।
पिंक बॉल से खेलने का अनुभव
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब भारतीय टीम ने डे-नाइट टेस्ट खेलने से इंकार किया था तब हर किसी के जहन में एक सवाल उठा कि क्या भारतीय टीम डर गई है, हालांकि कप्तान कोहली ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि हम डरे नहीं हैं, बल्कि हमने इसलिये इंकार किया क्योंकि हमारे पास पिंक बॉल से एक भी मैच खेलने का अनुभव नहीं था। हमने घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेला था तो कैसे अचानक से इसका फैसला ले लेते।
अब भारतीय टीम के पास डे-नाइट मैच में पिंक बॉल से खेलने का अनुभव है जिसके साथ वह आने वाले समय में घर से बाहर भी इस प्रारूप में खेलने में हिचकिचायेगी नहीं।
भारतीय तेज गेंदबाजी का दम
भारतीय टीम ने ईडन गार्डन्स के मैदान पर दमदार गेंदबाजी करते हुए बांग्लादेश को पहले 106 पर और फिर दूसरी पारी में 195 पर ऑल आउट किया। इस दौरान भारतीय तेज गेंदबाजों ने दम दिखाते हुए 20 में से 19 विकेट झटके जो कि क्रिकेट इतिहास में तीसरी बार हुआ है। इससे पहले 2018 में ट्रेंट ब्रिज में इंग्लैंड के खिलाफ 19 विकेट और 2017-18 में जोहानिसबर्ग में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 20 विकेट लिए थे। यह पहली बार है जब किसी टेस्ट में दो भारतीय पेसर्स ने आठ या इससे ज्यादा विकेट निकाले।
भारतीय पेस बैटरी ने यह साफ कर दिया कि वह रुकने वाले नहीं है और विपक्षी के खिलाफ मजबूती से प्रहार करने में सक्षम हैं।
भारत का मिला टेस्ट क्रिकेट का सबसे छोटा मैच
ईडन गार्डन्स के मैदान पर भारत ने बांग्लादेश को हराकर एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया और टेस्ट क्रिकेट का सबसे छोटा मैच बन गया। इस मैच में भारत ने सिर्फ 968 गेंद फेंकी और बांग्लादेश के 20 विकेट निकाले। इससे पहले भारत का यह रिकॉर्ड अफगानिस्तान के खिलाफ था जहां भारतीय ने सिर्फ 1028 गेंद फेंकी थी।
सलामी बल्लेबाजी चिंता खत्म
पिछले काफी समय से टेस्ट क्रिकेट में नियमित रूप से सलामी बल्लेबाजी को लेकर चिंता कर रही भारतीय टीम के लिये यह घरेलू सत्र काफी शानदार रहा। टीम इंडिया की सलामी बल्लेबाजी को लेकर चिंता का आखिरकार अंत हो गया। मयंक अग्रवाल-रोहित शर्मा के रूप में भारत को 2 बेहतरीन सलामी बल्लेबाज मिल गये हैं, जो न सिर्फ शतक लगाते हैं बल्कि बड़े शतक लगाते हैं। मयंक अग्रवाल पारी की शुरुआत करते हुए अपने विकेट की कीमत समझते हैं और उसे जल्दी नहीं गंवाते हैं, वह 13 पारियो में 872 रन बना चुके हैं। वहीं रोहित शर्मा ने भी जबसे सलामी बल्लेबाजी की कमान संभाली है शानदार फॉर्म में नजर आ रहे हैं। 5 मैच में 3 बार शतक लगा चुके रोहित शर्मा इसे विदेशी दौरों पर भी जारी रखना चाहेंगे।
विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में साहा की दमदार वापसी
फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत को टेस्ट टीम से बाहर कर चोट से वापसी कर रहे रिद्धिमान साहा ने यह साबित कर दिया कि वह भारतीय टेस्ट टीम के अहम सदस्य क्यों हैं। सीरीज के दौरान साहा ने विकेट के पीछे शानदार फील्डिंग की और कई शानदार कैच पकड़े। विकेटकीपिंग के लिहाज से साहा ने पंत को काफी पीछे छोड़ते हुए आगामी सीरीज के लिये अपनी दावेदारी को मजबूत किया है।