नई दिल्ली। बांग्लादेश के साथ होने वाली आगामी टी-20 और टेस्ट सीरीज के लिए गुरुवार को भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा कर दी गई। चयनकर्ताओं ने टी-20 सीरीज के लिए कप्तान विराट कोहली को आराम दिया है और उनकी जगह रोहित शर्मा को टीम की कमान सौंपी है जबकि संजू सैमसन को चार साल बाद टीम में शामिल किया गया है। हाल ही में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान केरल की तरफ से खेलते हुए संजू सैमसन ने गोवा के खिलाफ शानदार दोहरा शतक लगाया था। संजू ने अपना एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच 19 जुलाई, 2015 को जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था, जिसमें उन्होंने 19 रन बनाए थे। करीब 4 साल बाद टीम में जगह बनाने वाले संजू सैमसन ने गुरुवार को टीम का ऐलान होने के बाद कहा कि वह अब परफेक्ट बल्लेबाज बनने की कोशिश नहीं करते।
संजू सैमसन ने कहा कि अपने करियर के दौरान उन्हें कई बार निराशा का सामना करना पड़ा है और अब उन्हें इन उतार चढ़ाव से कोई परेशानी भी नहीं होती।
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उन्होंने टीम में चयन होने के बाद कहा, 'आपने सही कहा कि यह मेरे लिये उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा। अगर आपका करियर सुरक्षित और आसान राह वाला रहता है तो आप बहुत कम चीजें सीखते हो। मैंने पिछले चार से पांच वर्षों में काफी चीजें सीखी हैं अगर आप काफी बार विफल होते हो तो आप जानते हो कि कैसे फिर से वापसी की जाये और कैसे सफल हुआ जाये। मैं अपनी जिंदगी में काफी बार विफल हुआ हूं इसलिये मैं जानता हूं कि कैसे उठकर अच्छा प्रदर्शन किया जाये। यह मेरे लिये फायदे की चीज रही।'
उन्होंने कहा, 'मुझे कोई पछतावा नहीं है। जैसा कि मैंने कहा कि मैं काफी उतार चढ़ाव से गुजरा हूं। मुझे खुद से काफी ज्यादा उम्मीदें रहती थी कि मुझे बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था। लेकिन अब मैं समझ गया हूं कि हर चीज का अपना समय होता है और आपको अपनी बारी का संयम से इंतजार करना होता है।'
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गौरतलब है कि संजू ने महज 19 साल की उम्र में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना इकलौता टी20 मैच खेला था जिसके बाद उन्हें काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। टीम में अनुशासनहीनता के लिए संजू को केरल की टीम से भी बाहर कर दिया गया था। वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर सके और इस बीच उनकी फिटनेस भी अच्छी नहीं रही।
हालांकि वह रुके नहीं और लगातार अपने आप पर काम किया और बेहतरीन पारियां खेली। महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ सहित कई दिग्गज खिलाड़ियों ने सैमसन की तारीफ की लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता की कमी उनके खिलाफ जाती रही।
सीमित ओवर्स के प्रारूप में दिनेश कार्तिक की वापसी और ऋषभ पंत के डेब्यू के बाद से उन्हें पिछले 2 वर्षों में भारत के लिए खेलने का कोई मौका नहीं मिला।