फील्डिंग में सुधार की जरूरत
भारतीय टीम के फील्डिंग स्तर में पहले से काफी सुधार हुआ है लेकिन पिछले कुछ समय में टीम के खिलाड़ी लचर प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी रविंद्र जडेजा की गैर मौजूदगी में टीम की फील्डिंग में खामियां साफ-साफ नजर आ रही हैं। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भारतीय खिलाड़ी कई आसान से कैच टपकाते हुए नजर आये। ऐसे में अगर भारतीय टीम को पुणे के मैदान पर जीत की दरकार है तो उसे अपनी फील्डिंग के स्तर में सुधार लाने की दरकार है।
कुलचा को साथ खिलाना जरूरी
भारतीय टीम ने पहले मैच में इंग्लैंड की टीम को ऑल आउट कर दिया लेकिन उसके 9 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिये। वहीं पर काफी समय बाद प्लेइंग 11 में वापसी करने वाले कुलदीप यादव को मौका दिया गया लेकिन वह खास कारगर साबित नहीं हुए। वहीं टी20 सीरीज के दौरान पहले 2 मैच में बेअसर साबित होने के बात युजवेंद्र चहल को मौका नहीं दिया गया और उनकी जगह राहुल चाहर ने प्लेइंग 11 में जगह बनाने का काम किया। ऐसे में भारतीय टीम को अपने स्पिन अटैक को बेहतर बनाने और खोये हुए पैनेपन को वापस लाने के लिये कुलचा (कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल) की जोड़ी को वापस लाना होगा ताकि वो एक साथ उतर कर विपक्षी टीम की कमर तोड़ सकें।
वर्कलोड मैनेजमेंट को संभालने की जरूरत
भारतीय टीम के लिये ऑस्ट्रेलिया दौरा जीत के लिहाज से भले ही यादगार रहा हो लेकिन खिलाड़ियों की चोट के लिहाज से किसी बुरे सपने से कम नहीं था। इस दौरान पर भारतीय टीम के 9 खिलाड़ी चोटिल हो गये थे जिसके बाद भारत को आखिरी टेस्ट मैच में खेलने के लिये अपने नेट बॉलर को डेब्यू कराना पड़ा था। वहीं वनडे सीरीज के पहले मैच में भी भारतीय टीम के 2 खिलाड़ी (श्रेयस अय्यर और रोहित शर्मा) चोटिल हो गये, जहां पर रोहित शर्मा फिट होकर वापसी करने को तैयार हैं तो वहीं पर श्रेयस अय्यर सीरीज के साथ-साथ आईपीएल से बाहर हो गये हैं। ऐसे में भारत के लिये वर्कलोड मैनेजमेंट पर काम करना बेहद जरूरी हो गया है ताकि वो खिलाड़ियों को चोट से बचा सके।