क्या गलती हुई
मैच में तीसरे अंपायर अनिल चौधरी ने अजिंक्या रहाणे के खिलाफ लिए गए डीआरएस का फैसला इतनी जल्दबाजी में दिया कि वह यह देखना ही भूल गए कि गेंद रहाणे के ग्लव्स से लगकर गई और उसे ओली पोप ने लपका था। दरअसल रहाणे ने जैक लीच की गेंद को खेला और उनके खिलाफ बैट-पैड की अपील की गई, जिसे ऑन फील्ड अंपायर नकार दिया, जिसके बाद जो रूट ने डीआरएस लिया। तीसरे अंपायर ने पहले यह चेक किया कि गेंद पैड पर लगने से पहले बैट से नहीं लगी। साथ ही एलबीडबल्यू को चेक किया गया और गेंद लाइन से बाहर थी विकेट पर नहीं टकरा रही थी, जिसके बाद तीसरे अंपायर ने रहाणे को नॉट आउट कर दे दिया।
पूरा रिप्ले ही नहीं देखा अंपायर ने
लेकिन तीसरे अंपायर से यह चूक हो गई कि उन्होंने तीसरी संभावना को चेक नहीं किया। पैड से गेंद लगने के बाद जब गेंद ओली के हाथ में गई तो गेंद रहाणे के ग्लव्स को छुआ था और गेंद ग्लव्स से छूने के बाद सीधे ओली के हाथ में गई और रहाणे आउट हो गए। लेकिन जल्दबाजी में तीसरे अंपायर ने आखिरी तक गेंद को नहीं चेक किया। अंपायर के इस फैसले से रूट ने इसपर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि तीसरे अंपायर ने पूरे रीप्ले को ही नहीं देखा और हमने जिसकी अपील की थी उसे चेक ही नहीं किया गया।
नाराज रूट, बाद में रिव्यू वापस मिला
चौंकाने वाली बात यह है कि रूट की अपील को तीसरे अंपायर समझ नहीं सके और उन्होंने रहाणे को नॉट आउट करार दे दिया। एक तरफ जहां तीसरे अंपायर ने गलत फैसला दिया वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड टीम का एक रिव्यू भी बेकार चला गया। हालांकि बाद में इंग्लैंड को यह रीव्यू वापस दे दिया गया। इंग्लैंड के लिए राहत की बात यह थी कि अगले ही ओवर में मोईन अली ने रहाणे को क्लीन बोल्ड कर दिया।
गावस्कर ने की आलोचना
इससे पहले भी जब रोहित शर्मा के खिलाफ स्टंपिंग की अपील की गई तो तीसरे अंपायर ने जल्दबाजी में यह फैसला दिया और रोहित को नॉटआउट करार दे दिया। इन दोनों ही फैसलों के बाद सुनील गावस्कर ने भारतीय अंपायरों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यही वजह है कि भारतीय अंपायर आईसीसी के पैनल में नहीं हैं,अगर अंपायर थोड़ी जल्दबाजी नहीं करें तो वो बेहतर होते और आईसीसी के पैनल में होते। गावस्कर ने कहा कि खराब अंपायरिंग ने इंग्लैंड की मीडिया को एक बार फिर भारत में अंपायरिंग पर सवाल खड़ा करने का मौका दे दिया है।