इंग्लैंड को सूट नहीं करता अटैकिंग नेचर
बेन स्टोक्स ने टीम के अटैकिंग नेचर और अपनी टीम की स्ट्रैटिजी को लेकर बात करते हुए बताया कि उनकी टीम के लिये यह तरीका पिछले 4-5 सालों में कारगर साबित नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा,'हर टीम के खिलाड़ी मैदान पर एक अलग मिजाज के साथ उतरते हैं जिनसे उन्हें उनके खेल में सफलता मिलती है। हमारी टीम के लिये पिछले 4-5 सालों में आक्रामक रवैया अनुकूल नहीं रहा है। हम उसी चीज पर कायम हैं जिससे हमारी टीम को सफलता मिलती है और जो हमारे लिये सबसे बेहतर है। भारत का अपना तरीका है और हमारा अपना।'
मुझे रन न बनाने वाले कोहली पसंद
इस दौरान जब बेन स्टोक्स से विराट कोहली के अलग-अलग वर्जन को लेकर सवाल किया गया कि वो मैदान पर कुछ और मैदान के बाहर किसी और तरीके से नजर आते हैं तो उनमें उनका बेस्ट वर्जन क्या है तो उन्होंने कहा कि मुझे तो रन न बनाने वाले कोहली पसंद हैं।
उन्होंने कहा,'सही मायने में बात करूं तो मुझे विराट कोहली का रन न बना पाने वाला वर्जन पसंद है क्योंकि अगर वह रन बनाते हैं तो टीम की जीत सुनिश्चित करते हैं जो कि हमारे लिये फायदेमंद नहीं है, फिर चाहे उनका वो भला वर्जन हो या फिर आक्रामक।'
नंबर 1 पर होना प्रेरणादायी नहीं
गौरतलब है कि पहले मैच में इंग्लैंड को 66 रनों से हार का सामना करना पड़ा है जिसके बाद आईसीसी की वनडे रैंकिंग में उस पर अपना पहला स्थान गंवाने का खतरा मंडरा रहा है। अगर भारत उसे सीरीज में 3-0 से हरा देता है तो वह पहले नंबर पर पहुंच जायेगा और इंग्लैंड दूसरे पर खिसक जायेगा। इस पर बात करते हुए स्टोक्स ने कहा कि यह किसी भी हाल में हमारे लिये प्रेरणा दायी नहीं है।
उन्होंने कहा,'हमने पिछले कुछ समय में अच्छा खेल दिखाया है और अच्छे परिणाम हासिल किये है। हमने अच्छी क्रिकेट खेली और इसी वजह से हम नंबर 1 पर बने रहने के हकदार हैं। हम इससे भटकेंगे नहीं, नंबर 1 होना अच्छी बात यह लेकिन यह हमारे लिये प्रेरणा दायी नहीं है।'
तीसरे नंबर पर खेलने को लेकर कही बड़ी बात
तीसरे नंबर पर खेलने को लेकर बात करते हुए स्टोक्स ने कहा कि मेरी इस बारे में जो रूट से बात हुई थी उन्होंने कहा था कि आप जैसे खेलते हैं वैसे ही खेलना जारी रखें, कुछ भी बदलाव करने की जरूरत नहीं है। रूट अपने तरीके से खेलते हैं इसका मतलब यह नहीं कि मैं उनकी नकल करूं। मुझे अक्सर 60-70 गेंद खेलने को मिलती हैं लेकिन इस नंबर पर वो संख्या 100 हो सकती है। ऐसे में मुझे परिस्थिति को देखकर खेलना होगा न कि गेंदों और उतरने की जगह को देखकर।