नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच मैनेस्टर में खेला जाना था लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारतीय टीम ने इस मैच में शिरकत करने से इंकार दिया और मैच को अनिश्चितकालीन समय के लिये स्थगित करना पड़ा। हालांकि मैच रद्द किये जाने के बाद सीरीज का फैसला अधर में लटका हुआ है। जहां बीसीसीआई ने सीरीज का बचा हुआ मैच रिशेड्यूल कराने का प्रस्ताव दिया है तो वहीं पर ईसीबी ने साफ किया है कि अगर मैच रिशेड्यूल किया जाता है तो वह अलग सीरीज का हिस्सा माना जायेगा।
ईसीबी ने साफ किया है कि वह इस सीरीज को यहीं पर खत्म करना चाहता है, जिसके चलते दोनों क्रिकेट बोर्ड के बीच खींचतान चल रही है। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि इस मैच का नतीजा भारत के पीछे हटने के चलते रद्द माना जाये, जिससे मैच का विजेता इंग्लैंड को माना जायेगा और सीरीज को 2-2 से बराबर माना जायेगा। अगर ऐसा होता है तो ईसीबी को रद्द हुए मैच का बीमा भी मिल जायेगा।
हालांकि बीसीसीआई चाहता है कि इस मैच को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए रद्द या रिशेड्यूल किया जाये। अगर मैच को कोरोना वायरस के चलते रद्द माना जाता है तो विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत दोनों टीमों के बीच बराबरी के अंक बांट दिये जायेंगे और भारत 2-1 से सीरीज का विजेता माना जायेगा।
वहीं बीसीसीआई ने ईसीबी को नुकसान से बचाने के लिये सीरीज के आखिरी मैच को रिशेड्यूल करने का भी प्रस्ताव दिया है जिसका मतलब है कि सीरीज का फैसला जब तक वो मैच नहीं खेला नहीं जायेगा तब तक नहीं आ सकेगा। हालांकि ईसीबी रिशेड्यूल के प्रस्ताव पर उसे सीरीज का हिस्सा मानने से इंकार कर रही है जिसका बाद यह मामला आईसीसी के पाले में गया है क्योंकि यह सीरीज विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का हिस्सा रही थी।
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क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार ईसीबी ने इस मामले को लेकर आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल को लेटर लिखा है और सीरीज का फैसला करने की अपील की है। अगर आईसीसी कोविड नियमों के अनुसार मैच को कैंसिल मानती है तो भारत को 2-1 से सीरीज का विजेता घोषित किया जायेगा लेकिन अगर आईसीसी को लगता है कि यह मैच वॉकओवर की वजह से टला है तो मैच का विजेता इंग्लैंड को घोषित किया जायेगा।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए आईसीसी ने सभी टीमों को विशेषाधिकार दिया है जिसके तहत वो मैच में न खेलने का अधिकार रखते हैं। आपको बता दें कि जहां पर ईसीबी कोशिश करेगा की वो साबित कर सके कि मैच भारतीय टीम के वॉकओवर की वजह से टला है तो वहीं पर बीसीसीआई यह साबित करने की कोशिश करेगी कि कोरोना के खतरे को देखते हुए भारतीय टीम ने मैच न खेलने का फैसला किया है।