अहमदाबाद। भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले चौथे टेस्ट मैच से पहले अहमदाबाद की पिच पर लगातार चर्चा हो रही है। तमाम पूर्व क्रिकेटरों ने अहमदाबाद की पिच को टेस्ट क्रिकेट के लायक नहीं बताया है। जिस तरह से महज दो दिनों के भीतर तीसरा टेस्ट मैच खत्म हुआ और भारत ने यह मैच 10 विकेट से जीता उसके बाद पिच पर किचकिच का दौर जारी है। लेकिन इस बीच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा का कहना है कि पिच स्पिन गेंदबाजों को मदद कर रही है इसका य कतई मतलब नहीं होता है कि विकेट पर बल्लेबाजी की ही नहीं जा सकती है।
प्रज्ञान ओझा ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट का मतलब होता है कि आप बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज और गेंदबाज हो और हर तरह की पिच पर खेल सके। अगर आप हर तरह की पिच पर और हर तरह के माहौल में प्रदर्शन कर सकते हैं तो आप बेहतरीन और पूर्ण रूप से क्रिकेटर बनते हैं। इसी लिए टेस्ट क्रिकेट को इतना बड़ा दर्जा दिया गया है। अगर आप सेना देशों में जाते हैं तो आपको टर्निंग विकेट नहीं मिलती है, आपको तेज गेंदबाजों को मदद करने वाली पिच मिलती है। आपको तेज गेंदबाजों का सामना करना होता है। उसी तरह से जब आप उपमहाद्वीप में आते हैं तो आपको टर्निंग पिच मिलती है और आपको उस हिसाब से खेलना होता है। अगर आप खुद को इसमे ढालते नहीं है तो आप बेहतरीन क्रिकेटर नहीं बन सकते हैं।
ओझा ने कहा कि घरेलू पिच का लाभ और बाहर की पिच की चुनौती इसीलिए टेस्ट क्रिकेट में होती है। जब हम ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराते हैं तो हमे इतनी तारीफ मिलती है क्योंकि हम ऑस्ट्रेलिया को देश से बाहर हराते हैं। हमने कई शीर्ष खिलाड़ियों के नहीं होने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराया, लिहाजा हर टीम को इस हिसाब से ही तैयारी करनी चाहिए और हर तरह के माहौल में खेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर कोई पिच कैसे खेलने लायक ही नहीं हो सकती है अगर वह स्पिन गेंदबाजों को मदद कर रही है। हर टीम अपने खिलाड़ियों को मदद करने वाली पिच तैयार करती है। पिच दोनों ही टीमों के लिए एक जैसी होती है।