कोई हमारे बारे में नहीं सोचता तो हम क्यों सोचे
रोहित शर्मा ने कहा कि पिच दोनों ही टीमों के लिए सेम रहता है तो मुझे पता नहीं है कि ये चर्चा क्यों होती है। दोनों ही टीमें उसी पिच पर खेलते हैं। अगर लोग पिच पर बात करते हैं कि पिच ऐसा नहीं होना चाहिए, भारत में पिच ऐसे ही बनता आ रहा है और मुझे नहीं लगता है कि कुछ बदलाव हुआ है या कुछ बदलाव होना चाहिए। सारे लोग अपने घरों का लाभ लेते हैं, हम जब बाहर जाते हैं तो बाहर भी यही होता है, कोई हमारे लिए नहीं सोचता है कि हमको ये करना है, वो करना है, तो हम क्यों किसी के बारे में सोचे।
हमको जो अच्छा लगता है करेंगे
रोहित शर्मा ने कहाकि हमको जो अच्छा लगता है और हमारी टीम की जो प्राथमिकता है वो हमे करना चाहिए। इसी का मतलब होता है होम और विदेशी धरती का लाभ। वरना अगर इसे हटा दें तो ऐसे ही क्रिकेट खेलो, आईसीसी को बोलो एक नियम बनाओ कि पिच ऐसी ही होनी चाहिए, भारत में और हर जगह ऐसी ही पिच होनी चाहिए। हम जब बाहर जाते हैं तो लोग हमारी जिंदगी मुश्किल करते हैं तो मुझे नहीं लगता है कि पिच के बारे में ज्यादा चर्चा करनी चाहिए कि प्लेयर बैंटिंग कैसी कर रहा है, गेंदबाज कैसी गेंदबाजी कर रहा है। लेकिन पिच के बारे में चर्चा नहीं होना चाहिए क्योंकि पिच पर दोनों टीमें खेलती हैं और दोनों टीमों में से जो टीम अच्छा खेलेगी वो मैच जीतेगी।
पिच आलोचकों को खरी-खरी
बतौर बल्लेबाज मैं भी इस बात पर ध्यान लगाता हूं कि जिस तरह की पिच है उस तरह से अपने दिमाग को तैयार कीजिए। वरना इतने सारे क्रिकेटर हैं जो क्रिकेट खेलना चाहते हैं। आप यहां पर इसलिए बैठे हो क्योंकि आप इन सब कंडीशन को अच्छी तरह से समझते हो इसीलिए आप टीम में खेलने के लिए चुने जाते हो। मुझे लगता है कि अपनी उस क्षमता और माइंडसेट को दिखाना चाहिए जहां पर स्थिति चुनौतीपूर्ण है। हालांकि यह मुश्किल है और संभावना है कि आप फेल हो सकते हैं, लेकिन इसके कोई मायने नहीं हैं जबतक कि आप इससे सीखते हैं। हमारी टीम के लिए भी यही है, हमारी टीम ऐसी स्थिति में खेलना पसंद करती है जहां पर सबकुछ हमारे खिलाफ होता है। हम भारत के बाहर जब जाते हैं तो हम पिच के बारे में शिकायत नहीं करते हैं, हम खेलते हैं, जो भी होता है होता है और आगे बढ़ जाते हैं। खासतौर पर मैं क्रिकेट के एक्सपर्ट से कहना चाहता हूं कि क्रिकेट के बारे मेंबात करो मैच के बारे में बात मत करो।