नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पास इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट जीतने का पूरा माैका था, लेकिन बारिश की वजह से मजा खराब हो गया। भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए इंग्लैंड को बैकफुट पर ला दिया था। शानदार गेंदबाजी के दम पर टीम ने दिखाया कि वो इंग्लैंड के लिए पूरी सीरीज में कड़ी चुनाैती पेश करते रहेंगे। वहीं पहली पारी में 84 रनों की पारी खेलने वाले ओपनर केएल राहुल ने बताया कि उनकी टीम का काैन नंबर-वन गेंदबाज है। उन्होंने यह भी कहा कि उस गेंदबाज पर सवाल उठाना भी सही नहीं।
यह गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि जसप्रीत बुमराह है जिन्होंने दोनों पारियों में इंग्लैंड की कमर तोड़कर रख दी। पहली पारी में बुमराह ने 4 तो दूसरी पारी में 5 विकेट लेकर मैच में सबसे ज्यादा 9 विकेट हासिल किए। इसके बाद कहा जाने लगा कि बुमराह ने खोई हुई फाॅर्म हासिल कर ली है। वहीं राहुल का मानना है कि उन्होंने अपनी फाॅर्म कभी गंवाई ही नहीं। जब प्रेस क्रांफ्रेस में एक पत्रकार ने बुमराह के शानदार प्रदर्शन पर सवाल किया तो राहुल ने कहा, "मुझे नहीं पता कि आप क्यों कह रहे हैं कि जसप्रीत बुमराह ने वापसी की है। हर बार, हर मैच में, हर हालत में बुमराह ने खुद को साबित किया है। वह हमारे नंबर एक बाॅलर हैं। हमें खुशी है कि टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू करने के बाद से वह वही कर रहा है जो वह कर रहा है।''
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राहुल ने आगे कहा, ''उन्होंने जहां भी मैच खेला, वह हमारे लिए मैच विनर रहे हैं। हमें खुशी है कि उसने एक बार फिर वही किया है जो वह सबसे अच्छा करता है।" बता दें कि बुमराह चोट के कारण 2019-21 डब्ल्यूटीसी के कुछ मैच नहीं खेल पाए थे। लेकिन अब चल रहे अगले चक्र में शुरुआत से उन्हें आगे बढ़ने के लिए अच्छी स्थिति में रहना होगा। 21 टेस्ट में एक हैट्रिक के साथ 92 विकेट लिए हैं। जहां तक नॉटिंघम टेस्ट का सवाल है, राहुल भारत की गेंदबाजी और उसके अनुशासन से प्रभावित थे।
उन्होंने कहा, ''पहली पारी में हमने जिस तरह से गेंदबाजी की और टॉस हारकर पहले गेंदबाजी करने के बाद हमने जो अनुशासन दिखाया, वह देखने लायक था। ऐसा लगा कि टॉस जीतने वाली टीम को फायदा हुआ और हमने काफी अनुशासन के साथ गेंदबाजी की। मोहम्मद शमी और बुमराह ने कैसे शुरुआत की और कैसे शार्दुल और सिराज ने जारी रखा, कैसे उन सभी ने एक साथ काम किया और सही लाइन में गेंदबाजी की, यह सब देखने लायक था।"
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गाैर हो कि पांचवें दिन के खेल में भारत को जीत के लिए 150 रनों से अधिक की जरूरत थी और नौ विकेट शेष थे। हालांकि, लगातार बारिश के कारण अंतिम दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। रूट 64 और 109 रनों की पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच बने।