अहमदाबाद। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच सिर्फ दो दिन में ही खत्म हो गया, जिसके बाद से अहमदाबाद की पिच को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है। पिच को लेकर चल रहा विवाद अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। भारतीय टीम ने तीसरे टेस्ट मैच को दूसरे ही दिन 10 विकेट से जीत लिया और सीरीज में 2-1 से बढ़त हासिल की। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन, एलिस्टर कुक ने भी मोटेरा पिच पर सवाल खड़ा किया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान चैपल और केविन पीटरसन ने भी पिच की आलोचना की थी।
बल्लेबाजों की तकनीक ठीक नहीं
इस बीच दिग्गज क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने भी मोटेरा की पिच को लेकर अपना राय जाहिर की है। लक्ष्मण का मानना है कि मोटेरा की पिच आदर्श टेस्ट क्रिकेट की पिच नहीं थी, साथ ही उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों ने मुश्किल चुनौती में बेहतर ढंग से बल्लेबाजी नहीं की। लक्ष्मण ने कहा कि निसंदेह पिच मुश्किल थी लेकिन बल्लेबाजों ने स्पिन के खिलाफ अच्छी तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया, जब आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्लेबाजी करते हैं तो आपको बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
अलग-अलग जगह पर अलग पिच
लक्ष्मण ने कहा कि कभी-कभी जब आप ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो पिच में आपको बहुत से क्रैक देखने को मिलते हैं। जब आप इंग्लैडं में जाते हैं तो आपको सीमिंग ट्रैक मिलती है और जब आप भारत या सब कॉन्टिनेंट में खेलने जाते हैं तो पिच में टर्न देखने को मिलती है। लिहाजा मेरा मानना है कि जिस तकनीक का इस्तेमाल टर्निंग पिच पर करना चाहिए था वह बल्लेबाजों ने नहीं किया।
मोटेरा की पिच आदर्श टेस्ट विकेट नहीं
पिच को लेकर लक्ष्मण ने कहा कि मैं बिल्कुल यह मानता हूं कि पिच आदर्श टेस्ट क्रिकेट की पिच नहीं थी, आखिर आपने कितनी बार देखा है कि टेस्ट मैच में स्पिन गेंदबाज नई गेंद के साथ शुरुआत करता है, यहां तो मैच पिंक बॉल से हो रहा था। मैंने भारत में कई मैच खेले हैं और भज्जी, अनिल कुंबले जैसे गेंदबाजों का सामना नई गेंदों से किया है। मुझे याद है कि 2004 में एक छोर से स्पिन गेंदबाज गेंदबाजी कर रहे थे और दूसरे छोर से जहीर खान गेंदबाजी कर रहे थे।
पहले दो दिन बल्लेबाजों को मिलनी चाहिए मदद
लक्ष्मण ने कहा कि टॉप सर्फेश हमेशा सख्त होनी चाहिए, यह बल्लेबाजी विकेट होनी चाहिए ताकि पहले दो दिन बल्लेबाजों को मदद मिले और जैसे जैसे मैच आगे बढ़े, पिच में मिट्टी के आधार पर बदलाव देखने को मिले और विकेट में क्रैक आए। लिहाजा मेरा मानना है कि मोटेरा की पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए आदर्श नहीं थी, लेकिन इसके साथ ही बल्लेबजों ने भी इस तरह की पिच पर सही तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया।
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