बीसीसीआई चाहता है सीरीज में मिले जीत, ईसीबी को चाहिये पैसा
बीसीसीआई 14 सालों बाद भारत को इंग्लैंड की सरजमीं पर मिल रही जीत को जाने नहीं देना चाहता है, तो वहीं पर ईसीबी मैच के कैंसिल हो जाने की वजह से होने वाले आर्थिक नुकसान को उठाना नहीं चाहता है। इसे देखते हुए बीसीसीआई ने इंग्लैंड को प्रस्ताव दिया है कि 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली जाने वाली सीमित ओवर्स प्रारूप की सीरीज के दौरान बचे हुए टेस्ट मैच का आयोजन कराया जाये। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि मैच को सीरीज का हिस्सा माना जायेगा या फिर एक टेस्ट मैच की सीरीज मानी जायेगी।
इस मामले को लेकर ईसीबी ने आईसीसी का रुख किया है जिसके बारे में बात करते हुए ईसीबी के सीईओ टॉम हैरिसन ने कहा,' हमें फिलहाल गहरी सांस लेने की जरूरत है और आईसीसी को इस मामले पर आधिकारिक रूप से नतीजे को लेकर फैसला लेने को कहना होगा। बीसीसीआई ने मैच को रिशेड्यूल करने का प्रस्ताव दिया है जो कि अच्छी खबर है लेकिन यह सीरीज का हिस्सा होगी या फिर एक टेस्ट मैच की सीरीज या दूसरी सीरीज का पहला मैच इस बारे में कुछ नहीं पता। यह ऐसी चीजें हैं जिसके बारे में बात करने से पहले हमें कुछ देर सोचना होगा। मुझे पता है कि फैन्स जानने के लिये काफी उत्साहित हैं और खिलाड़ी भी लेकिन हमें इसका समाधान निकालने के लिये कुछ समय देना होगा।'
ईसीबी को होगा 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
उल्लेखनीय है कि दोनों क्रिकेट बोर्ड की ओर से जारी किये गये बयान अभी तक काफी शांत नजर आ रहे हैं लेकिन पर्दे के पीछे की हकीकत कुछ और ही है। दोनों टीमों के बीच जिस तरह की प्रतिस्पर्धा मैदान पर देखने को मिल रही थी कुछ ऐसी ही प्रतिस्पर्धा बोर्ड के बीच भी जारी है। ईसीबी इस बात पर जोर दे रहा है कि अगर मैच की तारीख तय नहीं हो पा रही है तो इसे भारत की तरफ से खेलने से इंकार माना जाये, जिससे इंग्लैंड एक तीर से दो शिकार करेगी। जहां इंग्लैंड की टीम सीरीज में बराबरी कर सकेगी तो वहीं पर बोर्ड को मैच से होने वाले नुकसान को हासिल करने में भी कामयाबी मिलेगी, जो कि करीब 30 मिलियन ग्रेट ब्रिटेन पौंड (305,06,64,060 करोड़ भारतीय रुपये) के करीब है।
स्कॉय स्पोर्टस को दिये गये एक इंटरव्यू के दौरान हैरिसन ने इस बात का खुलासा किया था कि बीमा कंपनी कोविड प्रभावित होने पर क्लेम कवर नहीं कर है। जहां एक ओर हैरिसन दावा करते हैं कि टिकट होल्डर्स को सभी पैसे वापस दिये जायेंगे तो वहीं पर दूसरी ओर इस बात पर जोर देते हैं कि मैच कोरोना वायरस के चलते नहीं रोका गया है।
भारत के पक्ष में आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के नियम
वहीं आईसीसी के विश्वटेस्ट चैम्पियनसिप नियमों की बात करें तो कोरोना वायरस के चलते किसी मैच में खेलने से इंकार करना या फिर दौरे को रद्द कर टीम के अधिकार में है। ऐसे में यह देखने लायक होगा कि आईसीसी का यह फैसला किस पक्ष में जाता है कि वो इस मैच को स्थगित करने के पीछे कोरोना वायरस को कारण मानते हैं या फिर भारतीय खिलाड़ियों की जिद को। स्कॉय स्पोर्टस के कॉमेंट्री पैनल में शामिल रहे दिनेश कार्तिक और ईसीबी के सीईओ हैरिसन दोनों ने अलग-अलग मौकों पर यह बात कही है कि हो सकता है कि बायोबबल से होने वाली परेशानी के चलते भारतीय टीम इस मैच में नहीं खेलना चाहती हो।
हैरिसन ने अपने इंटरव्यू में कहा,'मैच को कैंसिल करने और उसे खेलने से इंकार करने में बहुत पतली सी लकीर है। यह कोविड की वजह से नहीं टाला गया है बल्कि मैच को खिलाड़ियों के स्वास्थ्य और मेंटल हेल्थ का हवाला देकर टाला गया है। दोनों में अंतर है, लेकिन यह दर्शकों की नजर में ज्यादा फर्क नहीं करती है, उन्हें पूरे पैसे दिये जायेंगे लेकिन यह ईसीबी की बैलेंस शीट में फर्क जरूर डालती है। आप मेंटल हेल्थ के चलते पलट नहीं सकते हैं कि यह किसी और चीज के बारे में है। भारतीय टीम शानदार मेहमान रही है लेकिन वो यहां पर काफी लंबे समय से हैं, इस स्तर पर हफ्ते दर हफ्ते खेलना मुश्किल काम है। भले ही हम महसूस कर रहे हों कि हम कोरोना से उबर रहे हैं लेकिन खिलाड़ियों के लिये यह काफी अलग होता है। जब कोविड का खतरा होता है तो खिलाड़ियों के बीच तेजी से फैलता है।'
भारत को दोषी ठहराने पर ईसीबी का पूरा ध्यान
गौरतलब है कि ईसीबी लगातार जोर दे रही है कि मैच को स्थगित करने के पीछे कोरोना महामारी कारण नहीं रही है। ईसीबी ने इस बात को रखते हुए कहा है कि गुरुवार को पूरी भारतीय टीम का टेस्ट कराया गया था जिसमें कोई भी भारतीय खिलाड़ी पॉजिटिव नहीं पाया गया है, जिसको देखते हुए भारत के पास 20 खिलाड़ी थे जिसमें से वो टीम का ऐलान कर सकते थे।
हालांकि भारत का कहना है कि रविवार को सपोर्टिंग स्टाफ में शामिल हेड कोच रवि शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर श्रीधर और फिजियो नितिन पटेल के कोरोना संक्रमण में पॉजिटिव आने के दौरान नजदीक संपर्क में रहे योगेश परमार भी कोरोना संक्रमित हुए हैं। वहीं योगेश परमार ने कोचिंग स्टाफ की गैर मौजूदगी में भारतीय खिलाड़ियों के साथ नजदीक से काम किया है जिसके चलते आने वाले दिनों में अन्य खिलाड़ियों के कोरोना पॉजिटिव आने का खतरा मंडरा रहा है, जिसे देखते हुए टीम खेलना नहीं चाहती है।
आईपीएल नहीं है मैच टालने का कारण
हैरिसन ने भी अपने बयान में साफ किया है कि टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच टालने के पीछे आईपीएल कारण नहीं रहा है क्योंकि इस प्रतियोगिता में दोनों टीम के खिलाड़ी भाग लेने वाले हैं। 19 सितंबर से खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में अगर कोई खिलाड़ी कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उसे 10 दिन के लिये क्वारंटीन रहना पड़ेगा।
वहीं पर इस समस्या का हल निकालने के लिये भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली 22 सितंबर को इंग्लैंड का दौरा कर सकते हैं और ईसीबी के अधिकारियों के साथ बैठक कर मुद्दे का हल निकाल सकते हैं।
इंग्लैंड में नहीं है बायोबबल, भारत इसे बना सकता है मुद्दा
आपको बता दें कि जहां पर ईसीबी भारतीय टीम के खिलाड़ियों के मेंटल हेल्थ का हवाला देकर मैच का नतीजा अपने पक्ष में करना चाहती है तो वहीं पर बीसीसीआई मैच के लिये बायो सिक्योर बबल को मुद्दा बनाने की ओर देख रही है। आपको बता दें कि भारतीय टीम ने जब से लॉर्डस टेस्ट मैच समाप्त किया है उसके बाद से ही इंग्लैंड के कोरोना प्रोटोकॉल में ढील दे दी गई है और इसी के चलते टीमों के लिये अलग से बायोबबल होटल का इंतजाम नहीं किया जा रहा है। इस दौरान खिलाड़ी जिस होटल में रुके हुए हैं, वह आम लोगों के लिये भी खुले हुए हैं। यहां के खाने के स्थान और लिफ्ट का इस्तेमाल खिलाड़ियों के साथ आम लोग भी कर रहे हैं।
बीसीसीआई इस बात पर जोर देते हुए यह साबित करने की कोशिश करेगी जब कोई बायोबबल ही नहीं है तो वहां पर प्रोटोकॉल तोड़ने का मतलब समझ नहीं आता है।