पुजारा को डिफेंसिव खेल पर कोहली की नसीहत, पर खुद के आंकड़े भी वैसे
वेलिंग्टन में पहले टेस्ट में मिली 10 विकेटों की हार के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने खिलाड़ियों को डिफेंसिव रवैया छोड़ने की बात कही है, लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो खुद विराट कोहली की बल्लेबाजी में भी कुछ मैचों से आक्रामकता नहीं देखने को मिली है। उन्होंने दोनों पारियों में कुल मिलाकर 21 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट 42 का रहा। भारतीय बल्लेबाजी की बात करें तो ऋषभ पंत ने सबसे अच्छे स्ट्राइक रेट 46.81 से 44 रन बनाये। वहीं अजिंक्य रहाणे ने 35.21 की स्ट्राइक रेट से 75 रन बनाये।
वेलिंगटन में सुपर फ्लॉप रहे चेतेश्वर पुजारा
पहली पारी में आसानी से अपना विकेट गंवाने के बाद चेतेश्वर पुजारा दूसरी पारी में काफी डिफेंसिव खेल दिखाते नजर आये। पुजारा ने दूसरी पारी में 81 गेंदों पर महज 11 रन बनाए, वहीं हनुमा विहारी ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए। इतना ही नहीं पहली 28 गेंद तक पुजारा खाता खोल पाने में नाकाम रहे। ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीले शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। हनुमा विहारी ने 22.22 की स्ट्राइक रेट से इस मैच में 22 रन बनाये।
बल्लेबाजों पर बुरी तरह भड़के विराट कोहली
भारतीय कप्तान ने खिलाड़ियों के छोर न बदलते रहने वाले रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि गेंदबाजों के मुफीद पिच पर आप ऐसा नहीं कर सकते कि दौड़कर एक रन न लो और किसी अच्छी गेंद का इंतजार करो जो आपका विकेट ही ले बैठे।
कोहली ने कहा, ‘आपको संदेह पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में एक रन भी नहीं बन रहा है, आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी।'
अगर पिच गेंदबाजों के लायक है तो बल्लेबाजी में आक्रामक होना पड़ेगा
भारतीय कप्तान को विरोधी टीम पर हावी होने के लिए जाना जाता है और वह चाहते हैं कि उनके कुछ बल्लेबाज भी इसका अनुसरण करें।
उन्होंने कहा, ‘मैं परिस्थितियों का आकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं हमलावर तेवर दिखाता हूं ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं।' कप्तान ने अपनी राय को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है विशेषकर विदेशी पिचों पर।'