क्या क्रिकेट की दुनिया की नई चोकर्स बन गई है न्यूजीलैंड
यूं तो क्रिकेट के इतिहास में कीवी टीम 7 बार सुपर ओवर का सामना कर चुकी है लेकिन पिछले 6 सात महीनों में कीवी टीम ने चौथी बार सुपर ओवर खेला और हर बार की तरह हार का सामना किया। कीवी टीम आज तक सिर्फ 1 बार ही सुपरओवर में मैच जीत पाई है।
न्यूजीलैंड के इस प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा कि क्या न्यूजीलैंड टीम क्रिकेट की दुनिया की नई चोकर्स बन गई है जैसा कुछ साल पहले तक साउथ अफ्रीका की टीम हुआ करती थी?
अपने यूट्यूब चैनल पर अख्तर ने कहा, 'उन्होंने 6 मैच टाई कराए हैं और सिर्फ एक मैच जीता है। ऐसा लगता है कि उन्होंने हारने में महारत हासिल कर ली है। अच्छी टीम होने के बाद भी वह 166 रन नहीं बना सकीं।'
मैच हारने में एक्सपर्ट हो गई है न्यूजीलैंड की टीम
हैमिल्टन में खेले गए चौथे मैच में मेजबान टीम को आखिरी तीन ओवरों में 18 रनों की जरूरत थी और उसके सात विकेट हाथ में थे, लेकिन जसप्रीत बुमराह, नवदीप सैनी ने दो ओवरों में ज्यादा रन नहीं दिए और शार्दुल ठाकुर ने आखिरी ओवर में सात रन बचा लिए जिससे मैच सुपर ओवर में गया।
कीवी टीम के प्रदर्शन पर नाराज होते हुए शोएब अख्तर ने कहा कि लगता है कि यह न्यूजीलैंड की टीम हारने में एक्सपर्ट बन गई है। जीते हुए मैच को कैसे सुपर ओवर में पहुंचाना है और वहां हार जाना है यह अच्छे से जान गई है।
उन्होंने कहा, '166 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता था, लेकिन कीवी टीम ने अपने लिए ही मुश्किलात पैदा कर दी। यह बताता है कि उनमें दबाव झेलने का दम नहीं है। क्या ये टीम विश्व में नए चोकर्स हैं? क्या ये टीम नई दक्षिण अफ्रीका टीम है जो कभी मुश्किल स्थिति में जीत नहीं सकती। न्यूजीलैंड को इस तरह से संघर्ष करते हुए देख कर बुरा लगता है।'
दबाव में बेहतर तरीके से खेलना जानती है भारतीय टीम
शोएब अख्तर ने भारतीय टीम की तारीफ करते हुए कहा कि यह टीम और ज्यादा बेरहम हो गई है। इसे पता है दबाव की स्थिति में कैसे खुद को संभाला जाता है और इसने हैमिल्टन के बाद वेलिंगटन में भी साबित किया कि आखिरी गेंद तक उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिये और खुद को बेहतर साबित करते हुए मैच को जीता।
उन्होंने कहा, 'भारत दबाव की स्थिति को अच्छे से संभालती है। वह जानती है कि दबाव में कैसे खेलना है और एक बार जब सुपर ओवर में मैच चला जाता है तो न्यूजीलैंड को पता नहीं होता कि क्या करना है।'