पुजारा के नाम हुआ अनचाहा रिकॉर्ड, जारी है फ्लॉप शो
भारतीय टीम के सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से बड़ी पारी का सूखा एक बार फिर से देखने को मिला और वो कानपुर टेस्ट में भी प्रभावित कर पाने में नाकाम रहे। पुजारा के बल्ले से इस मैच में भी कुल 48 रन ही बना सके। चेतेश्वर पुजारा ने पहली पारी में 26 रन बनाये तो वहीं दूसरी पारी में सिर्फ 22 रनों का ही योगदान दिया, उन्हें दोनों ही पारियों में अच्छी शुरुआत मिली लेकिन उसके बावजूद वो उसे अर्धशतक या शतकीय पारी में तब्दील नहीं कर सके। चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से आखिरी बार फरवरी 2019 में शतकीय पारी आयी थी जब उन्होंने सिडनी टेस्ट की पहली पारी में में 193 रनों का स्कोर बनाया था, लेकिन उसके बाद से 39 पारियां बीत चुकी हैं जब उनके बल्ले से कोई शतक नहीं आया है।
इस पारी के साथ ही पुजारा ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा पारियों में शतक न लगाने के अजीत वाडेकर के अनचाहे रिकॉर्ड की भी बराबरी कर ली है। करियर में यह दूसरी बार है जब चेतेश्वर पुजारा इतनी लंबी पारियों के बीच कोई शतक नहीं लगा सके हैं। इससे पहले 2013 से 2016 के बीच भी चेतेश्वर पुजारा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 37 पारियों तक कोई शतक नहीं लगा सके थे। पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ी के लिये इतने लंबे समय तक बड़ी पारी न खेल पाना टीम के लिये मुश्किलें पैदा कर रहा है।
रहाणे के नाम भी हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड
वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच में कप्तानी कर रहे मध्यक्रम बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे भी बेहद शर्मनाक फॉर्म से गुजर रहे हैं। पहली पारी में 35 रन की पारी खेलने वाले अजिंक्य रहाणे दूसरी पारी में स्पिन गेंद का शिकार बनें और महज 4 रन बनाकर वापस पवेलियन लौटे। इसके साथ ही अजिंक्य रहाणे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक कैलेंडर ईयर के अंदर (कम से कम 20 पारियां) सबसे खराब औसत से रन बनाने वाले पहले भारतीय और तीसरे ओवरऑल खिलाड़ी बन गये हैं।
अजिंक्य रहाणे ने 2021 में 19.57 की औसत से रन बनाये हैं जो कि टेस्ट क्रिकेट में उनके डेब्यू करने के बाद से सबसे खराब रही है। वहीं एक कैलेंडर ईयर में सबसे खराब औसत से रन बनाने वाले खिलाड़ियों की फेहरिस्त पर नजर डालें तो ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ग्रेगरी (1902 में 16.02 की औसत), इंग्लैंड के एलन लैम्ब (1986 में 19.33 की औसत), भारत के अजिंक्य रहाणे (2021 में 19.57 की औसत), इंग्लैंड के डॉम सिब्ले (2021 में 19.77 की औसत) और वेस्टइंडीज के दिनेश रामदीन (2015 में 19.94 की औसत) का नाम शामिल है।
तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे हैं अजिंक्य रहाणे
गौरतलब है कि अजिंक्य रहाणे ने साल 2020 से लेकर अब तक 29 पारियां खेली हैं जिसमें से सिर्फ 2 बार ही उन्होंने 50 से ज्यादा का स्कोर किया है। अजिंक्य रहाणे के लिये आखिरी बार साल 2019 में साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ घर पर खेली गई टेस्ट सीरीज ही रनों के मामले में बढ़िया साबित हुई थी, जिसके बाद से वह सिर्फ एक बार ही शतक बना पाये हैं। ऐसा नहीं है कि भारतीय क्रिकेट टीम के इस खिलाड़ी के रन न बना पाने की वजह से फॉर्म पर सवाल उठ रहे हैं, दरअसल जिस तरह से अजिंक्य रहाणे अपना विकेट खोकर वापस लौट रहे हैं वो उनकी तकनीक पर सवाल खड़े कर रहा है।
अजिंक्य रहाणे स्पिन के खिलाफ पिच पर बंध से जाते हैं और या तो एलबीडब्ल्यू या फिर खराब शॉट खेलकर वापस पवेलियन लौट जाते हैं। इस बीच भारतीय टीम में चौथे नंबर पर उनकी जगह खेलने के लिये सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी वेटिंग में खड़े हुए हैं, ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा कि क्या भारतीय कप्तान विराट कोहली दूसरे मैच में वापस आने के बाद शतक लगाने वाले श्रेयस अय्यर और खराब फॉर्म से जूझ रहे अजिंक्य रहाणे में से किसे आराम देते हैं।