इसलिए हुई बहस
मैच के तीसरे दिन शनिवार को अश्विन और फील्ड अंपायर नितिन मेनन के बीच काफी बहसबाजी देखने को मिली। मामला 77वें ओवर में भड़कता हुआ देखने को मिला, जब अश्विन गेंदबाजी कर रहे थे। अश्विन जिस तरीके से गेंदबाजी कर रहे थे, उससे अंपायर नितिन मेनन उनसे नाखुश दिख रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि गेंद फेंकने के बाद अश्विन ने अपने फॉलो थ्रू में ही पिच क्रॉस कर ली। अश्विन ने राउंड दा विकेट गेंदबाजी करने का फैसला किया। इस दौरान अश्विन फॉलो थ्रू में सीधा न जाते हुए अंपायर के सामने से क्रॉस कर रहे थे, जिसपर अंपायर मेनन ने आपत्ति जताई। इसके बाद अश्विन ने अंपायर को आक्रामक रूप दिखाते हुए अपनी बात समझाई। टीम की कप्तानी कर रहे अजिंक्य राहणे भी अश्विन के साथ मेनन से बात करते हुए दिखाई दिए।
डेंजर एरिया में आ रहे थे अश्विन
अश्विन से अंपायर को दो शिकायतें थी। पहली शिकायत यह थी कि अश्विन शायद डेंजर एरिया में आ रहे हैं लेकिन टीवी रिप्ले में ये साफ पता चल रहा था कि अश्विन बड़ी समझदारी से डेंजर एरिया में आने से पहले ही क्रॉस कर रहे हैं। दूसरी शिकायत अंपायर से यह थी कि अश्विन के सामने आने से अंपायर को आगे देखने में दिक्कत होती है, जिससे उनका कोई फैसला प्रभावित हो सकता है। हालांकि, अश्विन ने अंपायर से बात करते हुए अपनी बात रखी। इस घटना के बाद राहुल द्रविड़ भी मैच रैफरी और अपने पूर्व साथी जवागल श्रीनाथ से उनके केविन में जाकर बात करते दिखे। डेंजर एरिया का मतलब यह है कि नियमों के मुताबिक विकेट के सामने जो एरिया होता है वो डेंजर एरिया है। गेंदबाज को गेंद फेंकते समय इसके सामने नहीं आना चाहिए, क्योंकि अगर गेंदबाज डेंजर एरिया में आता है तो पिच खराब होती है, जिससे बल्लेबाजी में मुश्किल आती है।
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अंपायरिंग ने फिर किया टीम को निराश
भारतीय टीम को एक बार फिर खराब अंपायरिंग का शिकार होना पड़ा। अश्विन ने विल यंग को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई थी। इसके बाद 73वें ओवर में भी अश्विन ने लैथम को अपना शिकार बना ही लिया था, लेकिन अपील होने के बाद भी अंपायर ने बल्लेबाज को नाॅट आउट दिया। लेकिन जब रिप्ले में देखा गया तो गेंद बल्ले से लगने की बजाय सीधी पैड से लगी थी। यानी कि लैथ आउट थे, लेकिन अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया। वहीं भारतीय खेमे से भी यह गलती रह गई कि उन्होंने रिव्यू नहीं लिया। अगर रिव्यू लेते तो भारत को दूसरी सफलता जल्दी हाथ लग जानी थी।