नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम इस समय साउथैम्पटन के मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच खेल रही है, जिसकी प्लेइंग 11 का हिस्सा उसके स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन भी हैं। बारिश से प्रभावित इस मैच में भारतीय टीम टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी कर रही है। इस बीच शनिवार को भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन से उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर खुलकर बात की। लेफ्ट ऑर्म बल्लेबाजों के खिलाफ रविचंद्रन अश्विन का रिकॉर्ड देखते हुए विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में उनका रोल काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि कीवी टीम की प्लेइंग 11 में काफी बल्लेबाज बायें हाथ से खेलते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की बात कर अश्विन ने कहा कि जब उन्हें खेलते हुए ऐसा अहसास होने लगेगा कि मुझमें सुधार करने की चाहत खत्म हो गई है और मैं अपने आप से संतुष्ट महसूस करना शुरू कर दूंगा तो अपने करियर को अलविदा कहते हुए संन्यास का ऐलान कर दूंगा।
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अश्विन ने आईसीसी की वेबसाइट से बात करते हुए कहा, 'जब आप टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं तो इसकी सबसे खास बात यह है कि वो हमेशा आपमें परफेक्ट बनने की इच्छा को बरकरार रखता है। इससे आप अपना बेस्ट प्रदर्शन कर खुशी हासिल करते हैं और यही मैं भी हासिल करता हूं। मुझे लगता है कि मेरे इसी नजरिये के कारण मुझे अपने करियर में इतना कुछ हासिल हुआ। मैंने कभी भी अपने करियर में किसी चीज से समझौता नहीं किया और लगातार खुद में सुधार करने की कोशिश करता रहता हूं। जिस दिन मुझे अपने अंदर सुधार की गुंजाइश खत्म लगेगी और मैं कुछ भी नया करने का धैर्य खत्म हो जायेगा तो मैं संन्यास का ऐलान कर दूंगा।'
गौरतलब है कि रविचंद्रन अश्विन अपने टेस्ट करियर में अब तक 409 विकेट हासिल करने का काम किया है। आईसीसी से बात करते हुए अश्विन ने कहा कि मुझे विवादों से जुड़ना पसंद नहीं है लेकिन अगर कोई उन्हें छेड़ा जाता है तो अपने प्रदर्शन से जवाब देने में पीछे नहीं हटेंगे।
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उन्होंने कहा, 'मुझे विवादों से जुड़ने में मजा नहीं आता है लेकिन अगर कोई उकसाता है तो उसके खिलाफ जवाब देने से मैं पीछे नहीं हटता, यही कारण है कि शायद मैं अपने करियर में यहां तक पहुंचा हूं। मैं जीत का जश्न उतना नहीं मनाता जितना कि मनाना चाहिये। मेरे लिये जीत एक ऐसी घटना है जो कि अभ्यास और प्लानिंग के बाद मिलती है। मैं जीतने के बाद भी यह सोचता हूं कि क्या इससे बेहतर हो सकता था।'