मैनचेस्टर, जून 17: दिनेश कार्तिक और धोनी के बाद रोहित शर्मा विश्व कप में टीम इंडिया के सबसे सीनियर खिलाड़ी हैं। अगले सप्ताह तक वे अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के 13वें साल में प्रवेश कर जाएंगे। रोहित ने बेलफास्ट में आयरलैंड के खिलाफ 23 जून, 2007 को पदापर्ण किया था।
अब रोहित टीम इंडिया के उप-कप्तान हैं और उन्होंने अपने नजरिए और बेहतरीन मानव प्रबंधन कौशल के जरिए खुद को टीम के लीडरशिप ग्रुप का अहम हिस्सा बना लिया है। ये उनकी प्रबंधन क्षमता ही है जिसकी बदौलत वे आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए रिकॉर्ड चार बार खिताब जीतने में कामयाब हुए हैं।
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टेस्ट करियर में भी अपनी पांव मजबूती से जमाने की कोशिश कर रहे रोहित ने एक अप्रत्याशित कदम के तहत बीच में एक टेस्ट मैच छोड़कर स्वदेश लौटने का फैसला किया था। दरअसल यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया में हो रही थी और अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण रोहित ने वापस मुंबई लौटने का फैसला किया था। जबकि इससे ठीक एक टेस्ट पहले उन्होंने मेलबर्न की ऐतिहासिक विजय में शानदार पचासा ठोका था। आजकल रोहित की दुनिया अपनी बच्ची के इर्द-गिर्द घूमती है और उस बेहद प्यारी बच्ची का नाम समायरा है।
समायरा के आगमन ने रोहित के करियर को नई ऊंचाईयां दी हैं और उनका विश्व कप अभियान जबरदस्त तरीके से चल रहा है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच 122 रनों का नाबाद पारी खेली, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे मैच में 57 रन बनाए और अब पाकिस्तान के खिलाफ 140 रन ठोक दिए जिसके बदौलत भारत अपने चिर-प्रतिद्वंदी के खिलाफ विश्व कप में लगातार 7वीं बार जीतने में कामयाब रहा।
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साउथैंप्टन में खेली उनकी पारी जहां परिस्थितियों के लिहाज से काफी संभलकर खेली गई थी तो ओल्ड ट्रेफर्ड में उन्होंने शुरुआती सावधानी बरतकर हसन अली और वहाब रियाज जैसै गेंदबाजों पर अपने परंपरागत शॉट्स खेले।
हालांकि इस मैच में रोहित-राहुल के बीच आपसी तालमेल की कमी साफ दिखी क्योंकि ये दोनों इससे पहले कभी किसी ODI में टीम इंडिया के लिए एक साथ ओपन करने नहीं आए। इसके चलते रोहित क्रमशः 32 और 38 के स्कोर पर दो बार रन आउट होने से बाल-बाल बचे। इस मौके को छोड़ दे पूरा मैच शानदार रहा है।
आमतौर पर रोहित पारी की पहली गेंद का सामना खुद करना पसंद करते हैं लेकिन उन्होंने इसके बजाए केएल राहुल को पहली गेंद खेलने दी। ये केएल राहुल का काफी मैचों के बाद बतौर ओपनर ODI था ऐसे में रोहित ने ओपनिंग जोड़ी का सीनियर सदस्य होने के नाते अपने ऊपर अतिरिक्त जिम्मेदारियां लेकर राहुल का काम आसान किया।
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रोहित बताते हैं, 'मेरे लिए यह महत्वपूर्ण था कि राहुल को पहली स्ट्राइक राहुल को लेने दी जाए क्योंकि वो इनके लिए सुविधाजनक रहता है। वह यहां पर ओपनर के तौर पर पहला मैच खेल रहे थे इसलिए मैं ये सुनिश्चित करना चाहता था कि वे आरामदायक स्थिति में रहें।' राहुल ने भी रोहित के प्रयास को जाया नहीं जाने दिया और शानदार पचासा ठोककर पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी को अंजाम दिया।
इसी बीच रोहित दुनिया के सामने यह कहने में कभी नहीं हिचकते हैं कि उनकी बेटी उनकी दुनिया है। विश्व कप में केवल 3 पारियों में 319 रन बनाकर इस समय वे केवल कंगारू कप्तान फिंच (343) से रनों के मामले में पीछे चल रहे हैं। रोहित कहते हैं, 'ये मेरे जीवन का बहुत अच्छा समय है। मेरी बेटी के आगमन ने मुझे बहुत अच्छी जगह पर लाकर खड़ा कर दिया है। मैं अपने खेल का मजा उठा रहा हूं, आईपीएल का शानदार अभियान समाप्त करने के बाद अब विश्व कप में भी शुरुआत बढ़िया रही है।'
रोहित के फैंस और टीम के साथी खिलाड़ी यहां भी एक भव्य अंजाम की उम्मीद कर रहे होंगे।