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IND vs SA: 5 कारण जिसके चलते भारत को सेंचुरियन में मिली ऐतिहासिक जीत

IND vs SA
Photo Credit: ICC/Twitter

नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच सेंचुरियन के मैदान पर खेला गया जहां पर भारतीय टीम ने 113 रनों से जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। भारत ने साउथ अफ्रीका की टीम को चौथी पारी में जीत के लिये 305 रनों का लक्ष्य दिया था जिसका पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की टीम 191 रन पर सिमट गई और भारत ने 113 रनों की ऐतिहासिक जीत हासिल कर ली। इस जीत के साथ ही भारत ने साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर अपनी चौथी जीत हासिल की है जबकि सेंचुरियन के मैदान पर जीत हासिल करने वाली पहली एशियाई और ओवरऑल तीसरी टीम बन गई है। भारत ने इस जीत के साथ ही 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है।

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भारतीय कप्तान विराट कोहली सेंचुरियन के मैदान पर जीत हासिल करने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गये हैं, तो वहीं पर भारत ने इस साल ऐसे मैदानों पर जीत हासिल की है जिसे विपक्षी टीम का गढ़ माना जाता रहा है। भारत ने पहले गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराया तो लॉर्डस के मैदान पर इंग्लैंड को मात दी थी। सेंचुरियन के मैदान पर भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत के कई हीरो रहे लेकिन आइये एक नजर उन कारणों पर डाले जिसकी वजह से भारतीय टीम को जीत मिल सकी।

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ओपनर्स ने भारत को दिलायी अहम शुरुआत

ओपनर्स ने भारत को दिलायी अहम शुरुआत

भारतीय टीम के लिये जीत की सबसे बड़ी वजह उसके सलामी बल्लेबाजों का प्रदर्शन रहा जिन्होंने पहले बल्लेबाजी का फैसला लेने के बाद भारत को वो शुरुआत दिलाई, जिसकी विराट सेना को जीत के लिये बेहद दरकार थी। बॉक्सिंग डे पर जब भारतीय टीम के लिये केएल राहुल और मयंक अग्रवाल बल्लेबाजी करने उतरे तो किसी को नहीं लगा था कि यह जोड़ी पहले सेशन में बिना कोई विकेट गंवाये वापस लौटेगी। भारतीय टीम ने न सिर्फ पहले सेशन में विकेट बचाया बल्कि 2010 के बाद पहली बार साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर पहले विकेट के लिये शतकीय (117 रनों की) साझेदारी की। इस पारी के दौरान केएल राहुल ने 123 रनों की पारी खेली और साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ओपनर का रिकॉर्ड अपने नाम किया तो वहीं पर मयंक अग्रवाल ने 60 रनों की अहम पारी खेली। विदेशी सरजमीं पर मयंक अग्रवाल का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था, ऐसे में जब लंबे समय बाद मयंक अग्रवाल की टीम में वापसी हुई तो उनके बल्ले से रन आना बहुत जरूरी थी। मयंक अग्रवाल की इस पारी ने भारत को पहली पारी में काफी आगे खड़ा कर दिया।

पहले दिन बल्लेबाजी में दिखाया जबरदस्त दम

पहले दिन बल्लेबाजी में दिखाया जबरदस्त दम

भारतीय क्रिकेट टीम ने पहले दिन 3 विकेट खोकर 272 रन बनाये और यह वो स्कोर रहा जिसने भारतीय टीम को मैच में आगे रखा। भारतीय टीम के लिये पहले दिन के खेल में केएल राहुल ने 122 रनों का योगदान दिया तो वहीं पर मयंक अग्रवाल ने 60 रन बनाये। केएल राहुल ने पहले दिन जबरदस्त बल्लेबाजी की और मयंक के साथ 117 रनों की साझेदारी करने के बाद विराट कोहली के साथ भी 82 रन जोड़े और अजिंक्य रहाणे के साथ 73 रन जोड़कर भारतीय टीम को काफी आगे ले गये। दूसरे दिन बारिश के बाद भारतीय टीम अपने कुल स्कोर में सिर्फ 55 रन ही जोड़ सकी और ऑल आउट हो गई, तो वहीं पर दूसरी पारी में भारतीय टीम 174 रन ही बना सकी। ऐसे में भारतीय बल्लेबाजों की ओर से पहले दिन बनाया गया स्कोर काफी जरूरी रहा।

कप्तान कोहली के फैसलों ने करायी वापसी

कप्तान कोहली के फैसलों ने करायी वापसी

भारतीय टीम की जीत में भले ही खिलाड़ी कोहली से ज्यादा मदद न मिली हो लेकिन कप्तान विराट ने बेहतरीन काम किया और जब भी लगा कि साउथ अफ्रीका की टीम मैच में वापसी कर रही तब उन्होंने सही निर्णय लेकर पकड़ बना ली। पहली पारी में साउथ अफ्रीका की टीम रनों का पीछा करते हुए 32 रन के स्कोर पर अपने 4 विकेट खो चुकी थी, लेकिन इसके बाद टेंबा बावुमा (52) और क्विंटन डिकॉक (34) ने 72 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम की वापसी करा दी। कप्तान विराट कोहली ने यहां पर अपना संयम नहीं खोया और शार्दुल ठाकुर को गेंदबाजी के लिये लाये जिन्होंने डिकॉक का विकेट लेकर साझेदारी को तोड़ा। इस साझेदारी के टूटने के बाद साउथ अफ्रीका की टीम नियमित अंतराल पर विकेट खोती रही और 197 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में भी जब डीन एल्गर (77) दीवार बनकर खड़े हो गये थे तो कोहली ने बुमराह को वापस लाने का फैसला लिया जो कि टीम की जीत का अहम कारण बना।

मोहम्मद शमी-बुमराह की जोड़ी ने तोड़ी कमर

मोहम्मद शमी-बुमराह की जोड़ी ने तोड़ी कमर

भारतीय टीम की जीत में सबसे बड़ा योगदान उसके तेज गेंदबाजों की जोड़ी मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह का रहा जिन्होंने इस मैच के 20 में से 13 विकेट अपने नाम किये। जहां पर मोहम्मद शमी ने पहली पारी में 5 विकेट हॉल लेकर टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट के आंकड़े को पूरा किया और साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर दो बार 5 विकेट हॉल लेने वाले पहले भारतीय पेसर बने, तो वहीं पर जसप्रीत बुमराह ने विदेशी सरजमीं सबसे तेज 100 विकेट हासिल करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। मोहम्मद शमी ने इस मैच में कुल 8 विकेट हासिल किये तो वहीं पर जसप्रीत बुमराह के खाते में 5 विकेट आये। बुमराह पहली पारी में 2 विकेट लेने के बाद चोटिल हो गये थे और तीसरे दिन मैदान पर वापस नहीं लौटे, जिसके बाद दूसरी पारी में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 3 विकेट हासिल किये।

दोनों पारियों में 200 के पार नहीं जाने दिया

दोनों पारियों में 200 के पार नहीं जाने दिया

भारतीय टीम के लिये इस मैच में जीत का सबसे बड़ा कारण रहा कि उसने साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को दोनों पारियों में 200 रन के आंकड़े को पार नहीं करने दिया। जहां पहली पारी में साउथ अफ्रीकी टीम 197 रन पर सिमट गई थी तो वहीं पर दूसरी पारी में उसके बल्लेबाज 191 रन ही बना सके। बुमराह-शमी के अलावा भारतीय टीम के लिये शार्दुल ठाकुर (2 विकेट), मोहम्मद सिराज (3 विकेट) और आर अश्विन (2 विकेट) ने भी अच्छी गेंदबाजी की और साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों को हावी नहीं होने दिया।

Story first published: Thursday, December 30, 2021, 17:48 [IST]
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